नजरबंदी: SC ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जारी किया नोटिस, 2 मार्च तक मांगा जवाब

Supreme court issues notice jammu kashmir administration plea of sara pilot detention of omar abdullah
नजरबंदी: SC ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जारी किया नोटिस, 2 मार्च तक मांगा जवाब
नजरबंदी: SC ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जारी किया नोटिस, 2 मार्च तक मांगा जवाब
हाईलाइट
  • सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा
  • सुप्रीम कोर्ट ने सारा पायलट की याचिका पर सुनवाई की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज जम्मू-कश्मीर के नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला(Omar Abdullah) की बहन सारा पायलट(Sara Pilot) की याचिका पर सुनवाई की। जिसमें सार्वजनिक सुरक्षा कानून(पीएसए) को चुनौती दी गई थी। उमर मामले में अदालत ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन(Jammu-Kashmir Administration) को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की सुनवाई 2 मार्च को होगी। 

इससे पहले सारा पायलट की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट से मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने की अपील की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अनुरोध पर सहमति जताई थी और मामले की सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की थी। सारा ने जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट, 1978 के तहत नजरबंदी को चुनौती दी थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि उमर का हिरासत का आदेश स्पष्ट रूप से अवैध है। उनसे कानून व्यवस्था को किसी खतरे का कोई सवाल नहीं है। 

 

क्या कहा था सारा ने?
सारा ने कहा था कि सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ विरोध को दबाया जा सके, इसलिए गलत तरीके से सीआरपीसी का इस्तेमाल कर राजनीतिक नेताओं सहित व्यक्तियों को हिरासत में रखा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि फारूक अब्दुल्ला भी हिरासत में हैं, जिन्होंने राज्य और संघ की सेवा की है। सरकार द्वारा पिछले साल धारा 370 को निरस्त करने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में रखा है। बता दें पीएसए ऐसा कानून है जो तीन महीने तक बिना सुनवाई के हिरासत में रखने की अनुमति देता है। 

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Created On :   14 Feb 2020 9:09 AM GMT

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