सबरीमाला : सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, मंदिर प्रशासन ने कहा- हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश देंगे
- कोर्ट के फैसले के बाद त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने इसका समर्थन करने का निर्णय लिया है।
- कोर्ट ने मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था।
- सबरीमाला मंदिर मामले में समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। सबरीमाला मंदिर मामले में महिलाओं के प्रवेश पर फैसला देने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। पिछले साल सितंबर में कोर्ट ने मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था। इस फैसले की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में 54 पूनर्विचार याचिकाओं समेत कुल 64 याचिकाएं दायर की गई थी। कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखने के बाद त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने कहा है कि वह मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश देगा।
Supreme Court reserves the judgement on a batch of review petitions over the entry of women of all age groups in Sabarimala temple. pic.twitter.com/jluRxPm8fH
— ANI (@ANI) February 6, 2019
त्रावणकोर देवासम बोर्ड के वकील आकाश द्विवेदी ने कहा, हम SC के फैसले का समर्थन और सम्मान करते हैं। हमने निर्णय लिया है कि इस फैसले को लागू किया जाए। बोर्ड की तरफ से मैं यह कहना चाहता हूं कि यह एक सही निर्णय है। इससे महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में पूजा करने का समान अधिकार मिलेगा।
Rakesh Dwivedi, counsel of Travancore Devaswom Board: The board has taken a conscious decision to supportrespect the judgement of SCimplement it. The board thinks that is a right judgement in right direction it grants equality to women in the matters of worship. #Sabarimala pic.twitter.com/5KcExOHBj6
— ANI (@ANI) February 6, 2019
त्रावणकोर देवासम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा, कोर्ट ने अपने फैसले पर देवासम बोर्ड से राय मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हमने फिर से समीक्षा याचिका दायर नहीं करने का फैसला किया है। देवासम बोर्ड कोर्ट के फैसले को स्वीकार करती है। हमारी राय है कि महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
वहीं त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रार्थना गोपालकृष्णन ने कोर्ट के फैसले को समर्थन करने को लेकर TDB की आलोचना की है। गोपालकृष्णन ने कहा, मैं जब TDB अध्यक्ष था, उस वक्त ऑफिशियल कार्यों में कोई राजनीति नहीं थी। हालांकि अब देवासम बोर्ड किसी राजनीतिक दल या सरकार के निर्देशानुसार काम कर रहा है। देवासम बोर्ड ने भी अपना U-टर्न स्टाइल अपना लिया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था। पहले मंदिर में 10 से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। कोर्ट के फैसले के बाद हर उम्र की महिलाएं मंदिर में जाने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सबरीमाला मंदिर के कपाट दो से तीन बार खुलकर बंद भी हुए, लेकिन 10 से 50 वर्ष की कोई महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई। इसके बाद पिछले साल दिसबंर में पूरी सुरक्षा के साथ कुछ महिलाओं को दर्शन करने के लिए प्रवेश दिया गया।
Created On :   6 Feb 2019 8:09 PM IST