मौत के एक साल बाद तेलगी बरी, स्टांप पेपर घोटाला में हुई थी 30 साल की सजा

Telgi, others acquitted in fake stamp paper scam case
मौत के एक साल बाद तेलगी बरी, स्टांप पेपर घोटाला में हुई थी 30 साल की सजा
मौत के एक साल बाद तेलगी बरी, स्टांप पेपर घोटाला में हुई थी 30 साल की सजा
हाईलाइट
  • स्टांप घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी को महाराष्ट्र की एक अदालत ने बरी कर दिया है।
  • जिला जज पी आर देशमुख की अदालत ने ये फैसला सुनाया है।
  • मौत के एक साल बाद सबूतों के अभाव में तेलगी और आठ अन्य लोगों को कोर्ट ने बरी किया है।

डिजिटल डेस्क, नासिक। बहुचर्चित 20 हजार करोड़ रुपये के स्टांप घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी को महाराष्ट्र की एक अदालत ने बरी कर दिया है। मौत के एक साल बाद सबूतों के अभाव में तेलगी और आठ अन्य लोगों को कोर्ट ने बरी किया है। जिला जज पी आर देशमुख की अदालत ने ये फैसला सुनाया है।

बता दें कि तेलगी को 2007 में 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। तेलगी पर 202 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। वह बेंगलुरू के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। तेलगी की गिरफ्तारी नवंबर 2001 में अजमेर से हुई था। वह करीब 20 सालों से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था। तेलगी की लंबी बीमारी के बाद 26 अक्टूबर को बेंगलुरु के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।

तेलगी स्कैम देश के इतिहास का शायद इकलौता ऐसा घोटाला है, जिसमें एक गुमनाम आदमी ने खरबों रुपए के वारे-न्यारे किए। 2003 की ये ऐसी घटना थी, जिसने सिस्टम, ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक गलियारों को पूरी तरह हिलाकर रख दिया था। रेलवे के एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के घर पैदा हुआ अब्दुल करीम तेलगी एक वक्त नासिक रेलवे स्टेशन पर केले बेचा करता था।

तेलगी का नेक्सस करीब 18 राज्यों में फैला था। जब तेलगी स्कैम का भंडाफोड़ हुआ तो पता चला कि जाली स्टैंप पेपर का धंधा चलाने के लिए उसने साढ़े तीन सौ कर्मचारियों की पूरी फौज खड़ी कर रखी थी। अपने एजेंट्स की मदद से तेलगी ने फर्जी स्टैंप पेपर का कारोबार भारत के 70 शहरों में फैला रखा था।

 

Created On :   31 Dec 2018 12:25 PM GMT

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