भारत-चीन सीमा पर तनाव, नाथूला के पास से मानसरोव यात्रा रद्द
![Tension on Indo-China border, cancellation of Mansarovar travel by Nathula Tension on Indo-China border, cancellation of Mansarovar travel by Nathula](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2017/06/tension-on-indochina-border-cancellation-of-mansarovar-travel-by-nathula-3883_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, गंगटोक। सिक्कम में भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ने के नाथूला से होकर जानी वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा रद्द कर दी गई है। गौरतलब है पिछले कुछ वक्त से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ गया है। जिसके बाद शुक्रवार को नाथूला के रास्ते की जाने वाली यात्रा रद्द कर दी गई है।
चीन ने लगया घुसपैठ का आरोप
चीन ने सिक्किम सेक्टर में भारतीय सेना पर उनकी सीमा में घुसपैठ का आरोप लगाया था। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने भारतीय जवानों से हाथापाई कर फौरन वापस लौटने को कहा था। चीन के कहा कि अगर सीमा से भारतीय सेना ने नहीं हटी तो यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी।
बता दें कि, 2015 में पहली बार चीन ने मानसरोवर यात्रा के लिए नाथू-ला का रास्ता खोला था। मानसरोवर जाने के दो रास्ते हैं, जो नाथू ला और लापूलेख से होकर जाते हैं। नाथू ला से मानसरोवर आने-जाने में 19 दिन लगते हैं, जबकि उत्तराखंड और लीपूलेख से 22 दिन में यात्रा पूरी होती है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक इस साल सिक्किम में नाथू ला के जरिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा नहीं होगी लेकिन उत्तराखंड में लिपूलेख दर्रे के रास्ते तीर्थयात्रा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी।
नाथुला के रास्ते आसान है सफर
दिल्ली से नाथुला के रास्ते मानसरोवर आने-जाने में 19 दिन लगते हैं। इनमें ढाई दिन पैदल चलना होता है। बाकी सफर विमान और बसों में होता है। इस रास्ते दूरी 3000 किमी है। दिल्ली से चलकर उत्तराखंड और लीपूलेख के रास्ते कैलाश-मानसरोवर जाने-आने में 22 दिन लगते हैं। इसमें 12 दिन पैदल चलना पड़ता है। पर दिल्ली से इस रास्ते की दूरी 854 किमी है। बता दें कि 2015 में कुल 1330 लोग मानसरोवर यात्रा पर गए थे। 1080 लोग उत्तराखंड और 250 लोग नाथू-ला के रास्ते।
Created On :   30 Jun 2017 10:47 AM GMT