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कश्मीर के कुलगाम में आतंकी हमला: भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव और 2 कार्यकर्ताओं को आतंकियों ने गोली मारी
हाईलाइट
- जम्मू और कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने दिया वारदात को अंजाम
- बीजेपी के तीन नेताओं पर हमला
- फिदा हुसैन युवा मोर्चा के महासचिव थे
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में गुरुवार शाम भाजपा नेता फिदा हुसैन समेत 3 लोगों की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। फिदा हुसैन कुलगाम भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव थे। उनके साथ कार्यकर्ता उमर राशिद बेग और उमर रमजान हाजम की भी हत्या कर दी गई। एक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी और दो लोगों की मौत अस्पताल ले जाते वक्त हुई। आतंकियों ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया जब ये तीन अपने घर की ओर जा रहे थे।
Terrorists shot dead three BJP leaders including its general secretary for 'Yuva Morcha' in south #Kashmiri Kulgam district.
— Sumit Chaudhary (@sumit0707) October 29, 2020
1. Fida Hussian Itoo (YK Pora)
2. Umer Rashid Beigh (Sopat)
3. Umer Ramzan Hanan (YK Pora) @BJPLive@KashmirPolice@ChinarcorpsIA@Tejasvi_Suryapic.twitter.com/m9PBSaFtrC
आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नाम के संगठन ने ली है। ये लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन बताया जाता है। बांदीपोरा में भाजपा नेता वसीम बारी की हत्या में भी इसी संगठन का नाम सामने आया था। फिदा हुसैन काजीगुंड के रहने वाले हैं। हुसैन पर तब हमला किया गया, जब वह कार्यकर्ताओं के साथ घर की ओर जा रहे थे। आतंकवादी एक गाड़ी पर आए, फिदा की कार पर फायरिंग की और फरार हो गए। सुरक्षा बलों ने इस हमले के बाद इलाके में सर्च अभियान शुरू कर दिया है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन उमर रमजान और हारून बेग के साथ थे। जब ये तीनों बाईके पोरा इलाके के पास पहुंचे तो वहां घात लगाए आतंकियों ने इन पर गोलीबारी कर दी। हमले को अंजाम देने के बाद आतंकी वहां से फरार हो गए। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस टीम ने तीनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की घटना की निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले की घोर निंदा की है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है- मैं 3 युवा बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की निंदा करता हूं। वे जम्मू-कश्मीर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उज्ज्वल युवा थे। दुख के इस समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली हत्या की जिम्मेदारी
लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन माने जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली है। सोशल मीडिया अकाउंट पर डाले संदेश में टीआरएफ ने कहा कि कब्रिस्तान भर जाएंगे। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। सर्च ऑपरेशन जारी है।
पहले भी आतंकियों के निशाने पर रहे हैं भाजपा नेता
इस हमले के बाद एक बार फिर से कश्मीर में बीजेपी के नेताओं में दहशत है। बता दें कि इससे पहले 6 अक्तूबर को भी भाजपा उपाध्यक्ष पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के नुनार इलाके में आतंकवादियों ने 6 अक्तूबर को भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गुलाम कादिर राथर के घर पर हमला किया था। जिसमें उनके साथ तैनात पीएसओ ने तत्काल जवाबी फायरिंग की जिसमें अज्ञात आतंकी मारा गया।
क्रॉस फायरिंग में पीएसओ भी शहीद हो गया था। गांदरबल के एसएसपी खलील पोसवाल ने जानकारी दी थी कि नुनार इलाके में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गुलाम कादिर राथर अपने घर पर थे। उसी समय आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया था। कादिर की सुरक्षा में तैनात जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल मोहम्मद अल्ताफ ने तत्काल जवाबी कार्रवाई करते हुए एक अज्ञात आतंकी को मार गिराया था। हालांकि इस घटना में मोहम्मद अल्ताफ भी शहीद हो गए थे।
बांदीपोरा में भी की गई थी भाजपा नेता की हत्या
चार महीने पहले ही बांदीपोरा में भाजपा नेता वसीम बारी की हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनके पिता और भाई की भी जान चली गई थी। वसीम बांदीपोरा जिले के भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके थे। बारी पर हमला उस वक्त किया गया था, जब वे अपनी दुकान पर पिता और भाई के साथ थे। इसी दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।