बिलकिस बानो मामले में आरोपी की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को दोषी ने राजनीति से प्रेरित बताया

The convict called the petition challenging the release of the accused in the Bilkis Bano case politically motivated
बिलकिस बानो मामले में आरोपी की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को दोषी ने राजनीति से प्रेरित बताया
नई दिल्ली बिलकिस बानो मामले में आरोपी की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को दोषी ने राजनीति से प्रेरित बताया
हाईलाइट
  • शीर्ष अदालत के 13 मई
  • 2022 के फैसले का भी जिक्र किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिलकिस बानो मामले के एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि गुजरात सरकार के माफी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका अटकलबाजी और राजनीति से प्रेरित है। राधेश्याम भगवानदास शाह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है: इस अदालत को न केवल ठिकाने और रखरखाव के आधार पर, बल्कि इस तरह की सट्टा और राजनीति से प्रेरित याचिका के आधार पर, उक्त याचिका को खारिज कर देना चाहिए और एक अनुकरणीय जुर्माना लगाना चाहिए ताकि राजनीति से प्रेरित याचिका को भविष्य में प्रोत्साहित नहीं किया जा सके।

दोषी ने मामले के गुण-दोष पर शीर्ष अदालत के 13 मई, 2022 के फैसले का भी जिक्र किया, जो सभी पक्षों को सुनने के बाद एक स्पष्ट निर्णय के साथ सामने आया कि केवल गुजरात सरकार की समय से पहले रिहाई की नीति लागू होगी, जो उस समय प्रचलित थी। दोषसिद्धि का समय और छूट के विचार के समय बाद की नीति नहीं। शाह 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और कई हत्याओं के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों की रिहाई के खिलाफ माकपा की पूर्व सांसद सुभासिनी अली, पत्रकार रेवती लौल और प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा द्वारा दायर याचिका को चुनौती दे रहे थे।

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इसी तरह की याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने 9 सितंबर को गुजरात सरकार को सभी रिकॉर्ड दाखिल करने का निर्देश दिया था, जो मामले के सभी आरोपियों को छूट देने का आधार बना। इसने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ऋषि मल्होत्रा को भी जवाब दाखिल करने को कहा।

शाह की याचिका में कहा गया है कि अगर शीर्ष अदालत इस तरह की तीसरे पक्ष की याचिकाओं पर विचार करती है तो यह न केवल कानून की तय स्थिति को अस्थिर करेगी, बल्कि जनता के किसी भी सदस्य को पहले किसी भी आपराधिक मामले में कूदने के लिए एक खुला निमंत्रण होगा।

शाह ने तर्क दिया कि याचिका अनुच्छेद 32 के घोर दुरुपयोग के अलावा और कुछ नहीं है, क्योंकि एक तरफ, याचिकाकर्तार्ओं ने दलील दी कि उनके पास छूट आदेश की प्रति नहीं है और फिर भी, छूट देने के कारणों का पता लगाए बिना, याचिकाकर्ताओं ने छूट आदेश के संबंध में इसे रद्द करने की मांग की है।

(आईएएनएस)

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Created On :   24 Sept 2022 10:00 PM IST

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