NRC का फाइनल ड्राफ्ट, 40 लाख गैर-भारतीयों पर सियासत गरमाई
- NCR का फाइनल ड्राफ्ट जारी।
- अमम में 2.89 करोड़ भारतीय।
- असम के 40 लाख नागरिक भारतीय नहीं।
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देश के पूर्वी राज्य असम के एक करोड़ चालीस लाख लोगों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) की दूसरी लिस्ट जारी हो चुकी है। असम के लोगों को यह चिंता थी कि जिन शहरों में वो बरसों से बसे हुए हैं, वहां से उनकी नागरिकता न छिन जाए। ड्राफ्ट को कड़ी सुरक्षा के बीच जारी किया गया। जो परिवार 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं, उन सभी भारतीय नागरिकों के नामों को इस ड्राफ्ट में शामिल किया गया है। असम में 2 करोड़ 89 लाख भारतीय नागरिक हैं, वहीं 40 लाख लोगों को इस रजिस्टर में जगह नही मिली है।
People checking their names on the draft list at a National Register of Citizens Centre in Guwahati. Out of 3.29 crore people, names of around 40 lakh people were found to be ineligible. #NRCAssam pic.twitter.com/ZwcSfJscg7
— ANI (@ANI) July 30, 2018
Two crore eighty nine lakhs, eighty three thousand six hundred and seventy seven people have been found eligible to be included in the National Register of Citizens: State NRC Coordinator #NRCAssam pic.twitter.com/eAseDjSmZm
— ANI (@ANI) July 30, 2018
NRC के ड्राफ्ट पर सियासत तेज
NRC का फाइनल ड्राफ्ट जारी होते ही सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी घमासान शुरु हो गया है। मानसून सत्र के दौरान एनआरसी ड्राफ्ट पर सदन में जमकर बहस हुई , तृणमूल कांग्रेस ने एनआरसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। वहीं नेताओं के बीच बयानबाजी भी शुरु हो गई है।
-ममता बेनर्जी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बंगाल के लोगों को निशाना बना रही है, यह केंद्र सरकार की राज करने की नीती है। लोगों के साथ सरनेम के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है और ये सब वोट की राजनीति है।
Where will the 40 lakh people whose names have been deleted go? Does Centre have any rehabilitation program for them? Ultimately it is Bengal which will suffer.Its just vote politics by BJP. Request Home Minister to bring an amendment : West Bengal CM Mamata Banerjee #NRCAssam pic.twitter.com/dicIhibxNV
— ANI (@ANI) July 30, 2018
-केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ड्राफ्ट को लेकर कहा कि दुनिया का कौन सा देश होगा जो घुसपैठियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा, कांग्रेस इसके लिए जिम्मेदार है जिसने वोट के लालच में पाप किया।
-भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "जो भारतीय नहीं हैं उन्हें बाहर भेज दिया जाना चाहिए, हम कोई धर्मशाला नहीं है।
-गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि आज जो NRC की लिस्ट जारी की गई है वो सिर्फ मसौदा है अंतिम लिस्ट नहीं है, हर किसी को इसके खिलाफ कानून के तहत शिकायत या आपत्ति करने का अधिकार है।
Even someone whose name is not in the final list can approach the foreigners tribunal. No coercive action will be taken against anyone, hence there is no need for anyone to panic: Home Minister Rajnath Singh #NRCAssam pic.twitter.com/FID1naBChb
— ANI (@ANI) July 30, 2018
उनका क्या जिनके नाम लिस्ट में नही
सरकार की तरफ से यह बात अभी स्पष्ट है कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की लिस्ट में नही हैं उन्हे अपने भारतीय होने का प्रमाण देना होगा। जिन लोगों के नाम लिस्ट में नही आए हैं वो लोग जरूर चिंतित नजर आ रहे हैं। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य के मुख्यमंत्री तक ये भरोसा दिला चुके हैं कि जिनका नाम दूसरी लिस्ट में भी नहीं है, उन्हें विदेशी नहीं माना जाएगा। इन नागरिकों को आपत्ति और शिकायत दर्ज कराने के लिए समय मिलेगा।
Based on this draft there is no question of any reference to Foreigners Tribunal or any person being taken to the detention centre: Satyendra Garg Joint Secretary (North East) #NRCAssam pic.twitter.com/riw2H248wG
— ANI (@ANI) July 30, 2018
शिकायत दर्ज कराने का मौका मिलेगा
एनआरसी के एक अधिकारी ने कहा कि, ""ड्राफ्ट में जिनके नाम उपलब्ध नहीं होंगे उनके पास दावों और शिकायतों के लिए पर्याप्त गुंजाइश होगी। अगर वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो वे घबराएं नहीं। इन लोगों के लिए एक फॉर्म जारी किया जाएगा। फॉर्म 7 अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे।
WATCH: National Register of Citizens draft released #Assam https://t.co/ZAg8rFGrGb
— ANI (@ANI) July 30, 2018
ये है पूरा मामला
एनआरसी ने प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करने के मकसद से 2015 में ये कवायद शुरू की थी। ऐसी संभावना है की असम में बांग्लादेश से आए लाखों लोग अवैध रूप से बस गए हैं। फाइनल ड्राफ्ट जारी होने के बाद असम में 2 करोड़ 89 लाख भारतीय नागरिक हैं, वहीं राज्य के 40 लाख लोगों की नागरिकता पर सवाल खड़ा हो गया है।
Created On :   30 July 2018 10:28 AM IST