पाक पर मंडरा रहा एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट का खतरा, इमरान की घबराहट बढ़ी
- पाक पर मंडरा रहा एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट का खतरा
- इमरान की घबराहट बढ़ी
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में एक समारोह में कहा, मैं जम्हूरियत हूं। मुझे पाकिस्तान में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने के बाद चुना गया और मैं पांच इंतखाबी इलाकों से जीता।
उन्होंने कहा, हमारे सशस्त्र बलों द्वारा प्रदान किए गए बलिदानों के कारण हम आज सुरक्षित हैं। इसका कारण यह है कि मुझे सेना के साथ कोई समस्या ही नहीं है और सेना ने मेरी सरकार के हर एजेंडे का समर्थन किया है, क्योंकि मेरा रिकॉर्ड साफ है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की आवश्यकताओं के अनुपालन की आड़ में, खान की अगुवाई वाली सरकार ने सितंबर के मध्य में आठ कानून बलपूर्वक लाए गए, जिसके बाद विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधना शुरू किया। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने यह प्रयास अपने वास्तविक स्वामी खुफिया एजेंसी आईएसआई को खुश करने के लिए किया।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व में विपक्ष ने दावा किया कि उनके सदस्यों ने रहस्यमयी कॉल आने की शिकायत की है, जिनमें उन्हें संसदीय कार्यवाही से दूर रहने के लिए कहा गया था, जिससे संसद के संयुक्त सत्र के माध्यम से इसका मार्ग प्रशस्त हो सके।
खान की परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं। दरअसल, 11 पार्टियों के महागठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने 16 अक्टूबर से इमरान खान के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रैलियां शुरू करने की योजना बनाई है। खान की अगुवाई वाली सरकार के सामने अब यह बड़ी चुनौती आकर खड़ी हो चुकी है, जिससे पार पाना उसके लिए मुश्किल नजर आ रहा है।
खान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ पाकिस्तानी विपक्षी दलों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने लंदन से एक वीडियो लिंक के माध्यम से पिछले महीने कहा था, अब पाकिस्तान को एफएटीएफ जैसे प्लेटफार्मों द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश करने की शर्म से निपटना होगा।
शरीफ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान एफएटीएफ द्वारा 21 से 23 अक्टूबर के लिए निर्धारित बैठक में ब्लैक लिस्ट होने से बचने की कोशिश कर रहा है।
फरवरी में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी वित्त पोषण मानदंडों का पालन करने के लिए अतिरिक्त चार महीने का समय मांगा था। हालांकि पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि अगर वह मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा, तो इसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
एफएटीएफ ने कहा कि यह चिंतित करनी वाली बात है कि इस्लामाबाद फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा। अगर पाकिस्तान अक्टूबर तक एफएटीएफ के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, इसके ब्लैक लिस्टेड होने की पूरी संभावना है।
एकेके/एसजीके
Created On :   12 Oct 2020 11:30 PM IST