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दैनिक भास्कर हिंदी: मानव तस्करी की समस्या से जूझ रहे राजस्थान के आदिवासी

हाईलाइट
- भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के विधायक राजू कुमार राउत ने पिछले महीने राजस्थान विधानसभा में यह बयान देकर सभी को चौंका दिया कि आठ से 16 साल उम्र वर्ग के जो बच्चे लापता हुए हैं, वास्तव में उन्हें उनके गरीबी से ग्रस्त परिजनों ने मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लोगों के यहां घरेलू नौकर के रूप में और मजदूर के रूप में काम करने के लिए भाड़े पर दे दिया है
- विधायक के अनुसार, वागड़ के साथ ही बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में गरीब भील और दूसरे आदिवासियों की संख्या अधिक है
विधायक के अनुसार, वागड़ के साथ ही बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में गरीब भील और दूसरे आदिवासियों की संख्या अधिक है। ये जिले पिछले कुछ वर्षों से बड़े पैमाने पर बाल तस्करी की समस्या से जूझ रहे हैं।
राउत के बयान ने राजस्थान में मानव तस्करी की बदलती तस्वीर के संदर्भ में नई बहस को जन्म दे दिया है।
गरीबी के चलते आदिवासी परिजनों द्वारा अपने बच्चों को रुपयों के खातिर भाड़े पर देना इस समस्या का एक पक्ष है। इसका दूसरा पक्ष यह है कि सेक्स या गुलामी के लिए आदिवासी इलाकों से जवान लड़कियों और लड़कों का अपहरण किया जा रहा है, और उन्हें पड़ोसी गुजरात में बेचा जा रहा है।
और यह उदयपुर की जादोल तहसील के गरीब आदिवासी गांव भामती में एक फलता-फूलता व्यापार बन गया है।
इस प्रकार के रैकेट में शामिल लोगों को कई बार गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन उन्हें जमानत मिल जाती है और इस तरह अपराध का यह चक्र चलता रहता है। और इस व्यापार के शिकार ज्यादातर पीड़ित कभी वापस नहीं लौट पाते।
गांव के पूर्व सरपंच शांतिलाल कराडी ने कहा, जिन लोगों के पास रुपये हैं, वे अपने बच्चों को वापस लाने में सफल हो जाते हैं।
ऐसे ही एक सौभाग्यशाली पिता हैं सूरजमल परागी, जिनकी 16 साल की बेटी को उस वक्त अगवा कर लिया गया था, जब वह अपनी बहन के गांव उससे मिलने जा रही थी।
पांच लोगों ने उसे दो लाख रुपये में बेच दिया। चार महीने की गहन तलाशी के बाद जालोर से उसे बरामद किया गया।
जादोल तहसील के एसएचओ उम्मेदलाल मीणा ने कहा, हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया और धारा 370 (देह व्यापार) के अंतर्गत मामला दर्ज किया।
परागी कहते हैं, मैं भाग्यशाली रहा कि एक बड़ी राशि खर्च करने के बाद मुझे मेरी बेटी वापस मिल गई। लेकिन उनका क्या जो गरीब हैं और कैब किराए पर लेकर अपने लापता बच्चों की तलाश नहीं कर सकते हैं?
फालासिया गांव के निवासी नाथूलाल की बेटी को काम दिलाने के बहाने पाली ले जाया गया था। नाथूलाल ने कहा, उसके बाद तस्करों ने बेटी का माता-पिता बनकर उसे एक अन्य परिवार को बेचने की कोशिश की। हालांकि परिवार को संदेह हुआ और उसने पाली में बेटी के असली परिजनों के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया।
उसी के बाद से नाथूलाल और उनकी पत्नी मामले की सुनवाई के लिए पाली की अदालत के चक्कर काट रहे हैं, और उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं हैं।
परागी ने कहा कि ऐसी कई लापता लड़कियां हैं, जिनकी कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, दलालों ने कुछ रुपये देकर उनके गरीब माता-पिता का मुह बंद करा दिया है, जिसके कारण वे मामला दर्ज कराने के लिए कभी पुलिस के पास नहीं गए हैं। अगवा की गईं लड़कियों को दी गईं शारीरिक यातनाओं के परिणाम स्वरूप जब उनके तीन-चार बच्चे हो जाते हैं, तब वे कभी-कभी अपने माता-पिता से संपर्क करती हैं।
बाबू देवी (39) का भामती से अपहरण कर उसे श्री गंगानगर ले जाया गया।
उसने बताया, जब अपहर्ता मुझे किसी के पास बेचने की कोशिश कर रहे थे, तभी मैं वहां से भाग गई और रेलवे स्टेशन पहुंचकर मैंने जयपुर के लिए ट्रेन पकड़ी। जयपुर पहुंचकर मैं जादोल जाने वाली बस में बैठ गई।
उसने आगे बताया, मेरे पति इतने गरीब और अनपढ़ हैं कि उन्होंने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई। हालांकि मैं कुछ दिनों बाद भूखी-प्यासी अपने आप घर पहुंच गई।
सिर्फ लड़कियों का ही नहीं, लड़कों का भी अपहरण किया जा रहा है। काम के बहाने उन्हें घर से ले जाया जाता है और फिर घर नहीं आने दिया जाता। उनसे बांधुआ मजदूर की तरह काम लिया जाता है।
कराडी ने आईएएनएस को ऐसे नामों की एक सूची दी, जिसमें पिछले कुछ महीनों में लापता हुईं चार लड़कियों और पास के गांवों से कुछ महीनों पूर्व काम के लिए घर से ले जाए गए 17 लड़कों के नाम हैं।
17 वर्षीय महावीर मीना को जादोल के उसके गांव से काम के लिए गुजरात के खेरवाड़ा गांव में मजदूरी के लिए ले जाया गया।
महावीर ने कहा, आठ दिनों बाद मैंने अपने परिवारवालों से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई। मुझे मेरा वेतन भी नहीं दिया गया। दसवें दिन मैं भागकर अपने गांव वापस आ गया।
उसने बताया कि अब वह बी.कॉम की पढ़ाई कर रहा है।
महावीर ने कहा, मेरी तरह 15 लड़के और थे। मैंने उनके परिवारवालों को सूचना दी। सभी कैब बुक करके खेरवाड़ा गए और चुपचाप सभी लड़कों को वापस ले आए। ड्राइवर की कुछ जान-पहचान थी, जिससे हमें सुरक्षित अपने घर आने में मदद मिली।
कराडी के अनुसार, ऐसे मामलों में पिछले 6-7 सालों में तेजी आई है। इस प्रकार की तस्करी से जुड़े लोगों पर पुलिस को कड़ी कारवाई करनी चाहिए, ताकि उन्हें जमानत नहीं मिले। सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी नौ अगस्त को वल्र्ड इंडिजेनस पीपल डे के दिन मानव तस्करी के इन सभी पीड़ितों को उदयपुर स्थित संभागीय जनजातीय आयुक्त के कार्यालय में प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी के कार्यकर्ता बी.एल. छानवाल ने कहा, दुनिया को पता चलना चाहिए कि कैसे भारत की आजादी के 70 साल बाद भी आदिवासियों की गरीबी और उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उनका शोषण किया जा रहा है।
--आईएएनएस
मदर्स डे: FlowerAura ने लांच किआ अपना Mother’s Day 2023 गिफ्ट कलेक्शन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इस अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाज़ार में गिफ्टिंग कंपनी के लिए विश्वसनीयता बनाए रखना अनिवार्य है। एक गिफ्टिंग ब्रांड के लिए, कोई भी त्यौहार एक बूस्टर डोज़ की तरह काम करता है और राजस्व और स्थिर विकास को बढ़ावा देता है। गिफ्टिंग ब्रांड FlowerAura, Mother’s Day त्यौहार के लिए अपने अभूतपूर्व कलेक्शन के साथ तैयार है जो हर किसी के चेहरे पर मुस्कान लाएगा।
हाल ही में मीडिया से बातचीत में FlowerAura के संस्थापकों ने आगामी अवसर के लिए कंपनी की रणनीतियों और तैयारियों के बारे में बात की। "मदर्स डे साल के सबसे प्रतीक्षित अवसरों में से एक है, क्योंकि यह हर किसी के जीवन में अत्यधिक महत्व रखता है। गिफ्टिंग ब्रांड के रूप में, हम अपने ग्राहकों के अनुभवों को बेहतर बनाना चाहते हैं और Mother’s Day के त्यौहार को यादगार बनाना चाहते हैं। सभी उपहारों को इस विशेष अवसर के भावुक मूल्य को ध्यान में रखते हुए क्यूरेट किया गया, यही कारण है कि हमारे पास एक माँ के विभिन्न व्यक्तित्वों के आधार पर श्रेणियों में Mother’s Day Gifts हैं, जैसे कामकाजी माँ के लिए उपहार, एक गृहिणी मां के लिए उपहार, और आध्यात्मिक मां के लिए उपहार। हमारे पास Mother’s Day के 250+ SKUs हैं और हम आने वाले दिनों में कुछ और SKUs और लेकर आएंगे|” , ”FA Gifts Pvt. Ltd. के सह-संस्थापक श्री श्रेय सहगल ने कहा।
FlowerAura ने माताओं के लिए उपहारों के अपने कलेक्शन को बढ़ाया है और विश्वसनीय डिलीवरी के माध्यम से प्यार से लिपटे उपहार देने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्टेटमेंट बैग, फैशन ज्वेलरी, परफ्यूम, होम डेकोर प्रोडक्ट्स, और पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स मदर्स डे गिफ्ट्स की कुछ कैटेगरी हैं जो ब्रांड प्रदान करता है। FlowerAura के एक अन्य सह-संस्थापक, श्री हिमांशु चावला ने मीडिया प्रवक्ता के साथ बातचीत करते हुए कहा, "हमने अपने ग्राहकों को सबसे सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने का प्रयास करते हुए अपनी डिलीवरी सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने के लिए बहुत सोचा और प्रयास किया है। लोग हमेशा महत्वपूर्ण त्योहारों का जश्न मनाने के लिए केक लाते हैं, इसलिए हम Mother’s Day cake की एक विशाल श्रृंखला लेकर आए हैं जो बेहतरीन सामग्री का उपयोग करके बेक किए गए हैं और सीधे ओवन से डिलीवर किए जाएंगे।" ब्रांड केक के लिए क्षति-मुक्त और इजी-टू-हैंडल पैकेजिंग प्रदान करता है।
ब्रांड अपने ग्राहकों को same-day, mid-night, fixed time, early morning और express delivery का विकल्प प्रदान करता है। इस साल मदर्स डे और भी उल्लेखनीय होगा, क्योंकि FlowerAura अपने ग्राहकों को पूर्णता प्रदान करने के लिए तैयार है।
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