केन्द्रीय बिजली मंत्री ने गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोयला मंत्री से कार्रवाई करने को कहा

Union Power Minister asks Coal Minister to take action against officials giving wrong information
केन्द्रीय बिजली मंत्री ने गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोयला मंत्री से कार्रवाई करने को कहा
कोयला स्टॉक केन्द्रीय बिजली मंत्री ने गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोयला मंत्री से कार्रवाई करने को कहा
हाईलाइट
  • भविष्य में कोयला संकट को होने से रोका जाए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  केन्द्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कोयला और खदान मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर कोयला स्टॉक भेजे जाने के बारे में गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

मंत्री  सिंह ने  खदान मंत्री जोशी को नौ दिसंबर को लिखे एक पत्र में कहा है आपके अधिकारियों ने आपको बताया कि उनके पास कोयले का काफी विस्तृत स्टॉक हैं लेकिन उत्पादन कंपनियां (जेनकोस) इसे नहीं उठा रही थी और ऐसा कहकर उन्होंने गलत जानकारी दी। अगर उनके पास स्टॉक था, तो उन्होंने मालगाड़ियों में इसका लदान क्यों नहीं कराया। ऐसा लगता है कि उन्होंने उत्पादन के आंकड़ों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया था और ऐसे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।

इस पत्र में उन्होंने कहा हमने उत्पादन कंपनियों (जेनकोस) से जांच कराई है और आपके अधिकारियों ने आपको जो बताया है, उनके दावों के विपरीत, किसी भी प्रमुख जेनकोस कंपनी को कोयले की उस मात्रा में आपूर्ति नहीं की गई थी, जितना स्टॉक उन्होंने मांगा था। हमारे पास अप्रैल -अक्टूबर, 2021की महत्वपूर्ण अवधि के लिए 22 प्रमुख जेनकोस के आंकड़ें है। उन्होंने कुल 67,098 रेक मांगे थे, जिनमें से कोयला कंपनियों ने 55,155 रेक की आपूर्ति करने की बात कही थी और रेलवे ने 55,055 रेक को मंजूरी दी, लेकिन कोयला कंपनियों ने वास्तविक कोयले की जो आपूर्ति की थी वह आपूर्ति केवल 34,620 रेक थी।

 सिंह ने कहा कि मार्च 2022 के मध्य से कोयले की मांग फिर से बढ़ने जा रही है। मैं यह बताने के लिए विवश हूं कि गृह मंत्री, कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ बैठकों में प्रतिदिन जितनी रेक भेजने का वादा किया गया था, वह नहीं भेजा जा रहा है।  बिजली मंत्री ने पत्र में कहा मौजूदा समय के लिए कोयला संकट को दूर कर लिया गया है, और बिजली संयंत्रों में औसत कोयले का स्टॉक कुछ हद तक बढ़कर 20.2 मिलियन टन हो गया है। हालांकि, यह केवल 10 दिनों का स्टॉक है, जबकि हमारे संशोधित भंड़ारण मानदंड खदान निकासी(पिटहेड) स्टेशनों पर 15 दिन और गैर खदान निकासी स्टेशनों पर 24 दिनों का भंड़ार आरक्षित करते हैं।

उन्होंने कहा यह हमारे पिछले अनुभव को देखते हुए सुधारात्मक कार्रवाई करने का समय है ताकि भविष्य में इस तरह के संकट को होने से रोका जा सके। वर्ष 2021-22 के लिए संभावित बिजली और इसके लिए कोयले की आवश्यकता के अनुमानों से मंत्रालय को अप्रैल में ही अवगत करा दिया गया था। ये अनुमान पूरी तरह सटीक थे। 12313उन्होंने कहा हमने अनुमान लगाया था किया था कि कोयला आधारित इकाइयों से अप्रैल से अक्टूबर, 2021 तक बिजली उत्पादन 649 अरब यूनिट (बीयू) होगा और वास्तविक उत्पादन 642 बीयू था। इसके अनुसार हमने 446.4 मिलियन टन कोयले की आवश्यकता का अनुमान लगाया था और वास्तविक खपत 439.4 टन थी। लेकिन कोयला कंपनियों से आपूर्ति केवल 418.80 टन हुई थी और यह 21 टन की कमी थी। इससे कोयला भंडा़रण स्टॉक में कमी आई थी। सिंह ने कहा कि जब तक कोयला कंपनियां वादे के मुताबिक रेक की आपूर्ति नहीं करती हैं तब तक उत्पादन कंपनियां भंडारण की अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगी।

 

(आईएएनएस)

Created On :   28 Dec 2021 7:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story