उप्र : डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से पराली जलाने की जांच करने को कहा

UP: DGP asks police officers to investigate stubble burning
उप्र : डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से पराली जलाने की जांच करने को कहा
उप्र : डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से पराली जलाने की जांच करने को कहा
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लखनऊ, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों को आदेश दिया है कि वे ग्रामीण इलाकों में पराली जलाने पर और शहरी क्षेत्रों में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के संबंध में कदम उठाएं।

रविवार को जारी एक सर्कुलर में, डीजीपी ने अधिकारियों से इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए कहा है।

राज्य में लॉकडाउन के पहले के स्तर तक वायु प्रदूषण की रिपोर्ट के बीच फील्ड पोस्टिंग में सर्कुलर सभी जिला पुलिस प्रमुखों, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी), इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) और एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) को भेजा गया है।

सर्कुलर में कहा गया है कि सभी अधिकारियों को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

डीजीपी ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में मुख्य समस्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में बड़े पैमाने पर पराली का जलना है, जबकि शहरी इलाकों में कचरा जलाना भी एक गंभीर मुद्दा है।

डीजीपी ने वायु गुणवत्ता पर प्रभाव के बारे में पुलिस अधिकारियों को जनता में जागरूकता फैलाने के लिए कहा है। अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, इसकी अन्य निकायों और ग्राम पंचायतों जैसे अन्य विभागों के लोगों को शामिल करने और कचरे का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में प्रदूषण कोरोना के पूर्व के स्तर तक पहुंच गया है क्योंकि प्रमुख शहरों ने खराब से बहुत खराब वायु गुणवत्ता दर्ज किया है।

मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 201 से 310 के बीच दर्ज किया गया।

201 और 300 के बीच के एक्यूआई को खराब कहा जाता है जबकि 301 और 499 के बीच के एक्यूआई को बहुत खराब करार दिया जाता है। खराब या बहुत खराब वायु गुणवत्ता से सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और समय के साथ मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   12 Oct 2020 12:00 PM IST

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