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अमेरिकी सीनेटरों ने अफगान सिखों, हिंदुओं के लिए आपात शरणार्थी संरक्षण का आग्रह किया

हाईलाइट
- अमेरिकी सीनेटरों ने अफगान सिखों, हिंदुओं के लिए आपात शरणार्थी संरक्षण का आग्रह किया
वाशिंगटन, 27 जून (आईएएनएस)। अमेरिका के 20 सीनेटरों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से अफगानिस्तान में प्रताड़ित सिख और हिंदू समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में आपात शरणार्थी संरक्षण जारी करने का आग्रह किया है।
विदेशमंत्री माइक पोंपियो को संबोधित एक द्विदलीय पत्र में न्यूजर्सी के सीनेटर और सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के सदस्य, डेमोक्रेट बॉब मेनेंडेज के नेतृत्व में सीनेटरों ने विदेश विभाग से आग्रह किया है कि वह यूएस रिफ्यूजी एडमिशन प्रोग्राम एलोकेशन सीलिंग्स के तहत अफगान सिख और हिंदू समुदायों के लिए पुनर्वास अवसरों को प्राथमिकता दे।
शुक्रवार को लिखे पत्र के अनुसार, दोनों समुदायों की आबादी वर्षो से तालिबानी प्रताड़ना के कारण तथा हाल में इस्लामिक स्टेट खोरासान (आईएस-के) की आतंकी गतिविधियों के कारण काफी घट गई है।
सीनेटरों ने लिखा है, इस प्रशासन ने धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने को विदेश नीति की एक शीर्ष प्राथमिकता के रूप में बार-बार रेखांकित किया है।
सीनेटरों ने कहा है, अफगानिस्तान के सिख और हिंदू समुदाय अपने धर्म के कारण आईएस-के से अपने अस्तित्व के लिए खतरे का सामना करते हैं।
उन्होंने लिखा है, धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हम आपसे आग्रह करते हैं कि इन धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाएं।
पत्र में पोंपियो से यह भी मांग की गई है कि सिख और हिंदू समुदाय के उन सदस्यों को अतिरिक्त मदद की पेशकश की जाए, जो अफगानिस्तान में बने रहना चाहते हैं, और यह सुनिश्चित किया जाए कि अफगान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को 2.06 करोड़ डॉलर की उस अमेरिकी सहायता से लाभ मिले, जिसे कोविड-19 से निपटने के लिए पहले ही मुहैया कराया जा चुका है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।