57 वर्षीय महिला शिक्षक पर भड़के CM रावत, बोले- इसे गिरफ्तार कर लो
- 57 वर्षीय महिला शिक्षिक और सीएम के बीच जमकर नोकझोंक हुई।
- इस पर सीएम को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने महिला शिक्षिक को सस्पेंड करने के साथ हिरासत में लेने के आदेश भी दे डाले।
- उत्तरकाशी जिले में तैनात महिला शिक्षिक सीएम के सामने तबादले की फरियाद लगाते समय अचानक उग्र हो गईं।
- महिला शिक्षिक ने सीएम के लिए सरेआम अपशब्द कहे।
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में फरियाद लेकर पहुंची एक 57 वर्षीय महिला शिक्षक और सीएम के बीच जमकर नोकझोंक हुई। उत्तरकाशी जिले में तैनात महिला शिक्षक उत्तरा पंत बहुगुणा सीएम के सामने तबादले की फरियाद लगाते समय अचानक उग्र हो गईं। तबादले के मामले में तत्काल कोई कार्रवाई न होने पर महिला बिफर गईं। इसके बाद सीएम रावत आपा खो बैठे और उन्होंने महिला शिक्षक को सस्पेंड करने के साथ हिरासत में लेने के आदेश भी दे डाले।
#WATCH Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat directs police to take a teacher into custody after she protested at ‘Janata Darbar’ over issue of her transfer. CM Rawat suspended the teacher and asked her to leave. (28.06.18) pic.twitter.com/alAdCY74QK
— ANI (@ANI) June 29, 2018
जानकारी के अनुसार महिला शिक्षिक वर्तमान में यहां देहरादून में रह रही हैं। उनका एक बेटा और बेटी हैं। बेटा जॉब कर रहा है। गुरुवार को सीएम रावत अपने सरकारी आवास पर जनता मिलन हॉल में लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुन रहे थे। तभी महिला शिक्षक उत्तरा ट्रांसफर की बात लेकर मुख्यमंत्री से मिलीं। महिला अपना ट्रांसफर उत्तरकाशी से देहरादून करने की मांग को लेकर सीएम से मिलने पहुंची थीं। सीएम के बर्ताव से दुखी महिला शिक्षक का दुख कुछ इस तरह सामने आया है।
#WATCH Uttara Pant Bahuguna, the teacher who was suspended by #Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat after she argued with him yesterday over her transfer, breaks down while talking about the incident. pic.twitter.com/mex8Z4ofLl
— ANI (@ANI) June 29, 2018
महिला शिक्षक के बिफरने पर सीएम ने खोया आपा
जनता दरबार में महिला शिक्षिक ने सीएम के समक्ष अपनी बात रखी और उसके जवाब में सीएम ने भी शालीनता के साथ उसके जवाब दिए। इसी बीच अचानक महिला के तेवर उग्र हो गए और वे जोर-जोर से बोलने लगीं। इस पर मुख्यमंत्री रावत भी तैश में आ गए और चेतावनी दी कि उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा। इसके बाद महिला ने सीएम के लिए अपशब्द बोलना शुरू कर दिया। जिस पर सीएम ने खुद पुलिस को निर्देश दिए कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। पुलिस महिला शिक्षिक को हिरासत में लेकर बाहर जाने लगी, तो वह फिर चिल्लाने लगीं और शराब कारोबार को लेकर भी अनाप-शनाप बोलीं।
सीएम के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत ने मामले में कहा कि सीएम ने महिला शिक्षक की बात को गौर से सुना था। इसके बाद सीएम ने महिला को स्पष्ट किया कि स्थानांतरण एक्ट लागू होने के बाद वे खुद इस मामले में कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। चूंकि, महिला शिक्षिक का जिला कैडर है, लिहाजा नियमानुसार स्थानांतरण उत्तरकाशी जिले के भीतर ही हो सकता है।
रावत ने कहा कि सीएम ने महिला को आश्वास्त किया कि फिर भी वे अपने स्तर से पूरे मामले को दिखवाएंगे और यदि संभव हुआ तो अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरण के संबंध में प्रयास करेंगे,। लेकिन महिला शिक्षिक अचानक उग्र हो गईं। इस पर सीएम को कार्रवाई के लिए कहना पड़ा।
उत्तरा पंत बहुगुणा के परिजनों का कहना है कि वे पिछले 25 साल से उत्तरकाशी जिले के दुर्गम विद्यालय में तैनात हैं। वहीं पर उनके पति की भी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। काफी लंबे समय से आवेदन के बाद भी उनका स्थानांतरण नहीं किया गया। गुरुवार को भी सीएम के सामने अपनी समस्या रखने गईं, लेकिन सीएम उनकी समस्या नहीं समझ पाए। जिस कारण विवाद की स्थिति बनी।
गौरतलब है कि उत्तरा पंत बहुगुणा पिछली कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के समक्ष भी हंगामा कर चुकी हैं। करीब 57 वर्षीय उत्तरा पंत बहुगुणा, मधुरिमा तुली की मां और पर्वतारोही विजया पंत तुली की छोटी बहन हैं।
हरीश रावत बोले, सीएम को ऐसा नहीं करना था
क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को व्यवहार! लेकिन यदि बड़े ही छोटे हो जाएं, तो बहुत तकलीफ होती है। जनता दरबार में मुख्यमंत्री @tsrawatbjp जी के सम्मुख एक छोटे कर्मचारी का व्यवहार भले ही संगत ना हो मगर मुख्यमंत्री को कुपित होकर उसे सस्पेंड करने व गिरफ्तार करने के आदेश नहीं देने चाहिए... pic.twitter.com/m87waHdH5W
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) June 28, 2018
Created On :   29 Jun 2018 9:18 AM IST