हनीट्रैप कांड की पीड़ित छात्रा पहचान सकती है बड़े नामदारों को
इंदौर/भोपाल, 27 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के हनीट्रैप सेक्स कांड गिरोह की पीड़ित छात्रा ने एसआईटी (विशेष जांच टीम) के सामने दावा किया है कि गिरोह की सदस्यों के घर बड़े-बड़े नामदार आते थे। वह उनके नाम तो नहीं जानती, मगर सामने आने पर उन्हें पहचान सकती है। छात्रा के इस दावे ने एसआईटी की बांछें खिल गई हैं और उसे जल्दी बड़ी सफलता मिलने का भरोसा होने लगा है।
हनीट्रैप कांड की दो आरोपियों से पूछताछ में एसआईटी को भारी मशक्कत करनी पड़ी है। एक छात्रा, जिसे इस गिरोह के जाल में फंसने के बाद कई लोगों के पास भेजा गया था। उसने एसआईटी को पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। छात्रा राजगढ़ की रहने वाली है। इंदौर के नगर निगम में इंजीनियर हरभजन को इसी छात्रा ने छतरपुर की रहने वाली एक अन्य महिला के साथ अपने जाल में फंसाया था। दोनों ने तीन करोड़ रुपये की रंगदारी न देने पर बेनकाब करने की धमकी दी थी। इस रकम की पहली किस्त 50 लाख रुपये लेने इंदौर आने पर ये पकड़ी गई थीं।
सूत्रों के अनुसार, छात्रा ने एसआईटी को यह भी बताया है कि पकड़ी गई महिलाओं में से एक महिला के घर बड़े-बड़े लोगों का आना-जाना होता था और उनसे लड़कियों की मेल-मुलाकात कराई जाती थी। इतना ही नहीं, उस महिला के घर से कई लड़कियां आती थीं और विभिन्न गाड़ियों पर सवार होकर चली जाती थीं।
एसआईटी के सदस्यों से पूछताछ के दौरान छात्रा ने दावा किया है कि वह उन लोगों के सामने आने पर पहचान सकती है। वह उनके नाम और पेशे के बारे में तो ज्यादा नहीं जानती है, मगर कहा जाता था कि वे बड़े लोग हैं। उनको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हुआ करती थीं। उसका कहना है कि तस्वीरें सामने आएंगी तो वह उनको पहचान सकती है।
इस छात्रा के पिता की शिकायत पर ही पुलिस ने आरोपी महिलाओं के खिलाफ मानव तस्करी का मामला भी दर्ज किया है। छात्रा को बेहतर पढ़ाई का इंतजाम करने का झांसा देकर इंदौर से भोपाल लाया गया था।
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी छात्रा को सरकारी गवाह बना सकती है और उसके जरिए वह उन बड़े लोगों तक आसानी से पहुंच सकेगी, जो हनीट्रैप गिरोह के सदस्यों से जुड़े रहे हैं।
एसआईटी की जांच में यह सामने आ रहा है कि हनीट्रैप गिरोह कॉलेज की छात्राओं को भी अफसरों, नेताओं के पास भेजा करता था। इसमें भाजपा की एक महिला नेत्री की भूमिका रही है, जिसे भाजपा के शासनकाल में बाल न्यायालय बोर्ड की सदस्य बनाया गया था।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने भी भाजपा के शासनकाल में एक महिला को आठ साल तक बाल न्यायालय बोर्ड की सदस्य बनाए रखने का आरोप लगाया है। यह महिला इन दिनों जेल में है।
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी के लिए यह छात्रा बड़ी मददगार साबित होगी। एसआईटी उपलब्ध वीडियो क्लिपिंग में मौजूद लोगों की तस्वीरें उसे दिखाकर उनके और हनीट्रैप गिरोह की महिलाओं के रिश्तों के बारे में जानकारी हासिल करेगी और जांच को आगे बढ़ाएगी।
Created On :   27 Sept 2019 6:35 PM IST