क्या है आचार संहिता? जानिए चुनाव के दौरान लागू होने वाले सख्त नियम
- चुनाव आचार संहिता यानि Code of Conduct का मतलब चुनाव आयोग के वे दिशा-निर्देश होते हैं।
- दिशा-निर्देश का पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में पंचायत और विधानसभा से लेकर लोकसभा के लिए होने वाले समस्त चुनावों से पहले चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता (Code of Conduct) लगा दी जाती है। इस दौरान नेताओं समेत आमजन को सख्त नियमों का पालन करना होता है। मगर कई लोगों के जहन में यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर ये आचार संहिता है क्या और इस दौरान कौन से नियम सख्ती से लागू किए जाते हैं। आज हम इसी आचार संहिता के बारे में जानेंगे...
किसी व्यक्ति, पार्टी या संगठन के लिए कुछ सामाजिक व्यवहार, नियम एवं उत्तरदायित्वों को निर्धारित किया जाता है और इन्हीं सब को आचरण संहिता या आचार संहिता या code of conduct कहते हैं। या आसान शब्दों में समझें तो चुनाव आचार संहिता यानि Code of Conduct का मतलब चुनाव आयोग के वे दिशा-निर्देश होते हैं, जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। ये दिशा-निर्देश कैंडिडेट्स और पोलिटिकल पार्टियों के आचरण को नियंत्रित करते हैं और उन्हें ये फॉलो भी करना पड़ता हैं।
अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। आयोग से उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है और उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। जांच में दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
चुनावों की तारीख का ऐलान करने के साथ ही भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यों में आचार संहिता की घोषणा भी कर दी जाती है। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं।
Code of Conduct या "आचार संहिता" लगाए जाने की अवधि के दौरान लागू मुख्य बिंदु...
- पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं की जाएगी।
- पार्टी के पक्ष में वोटर्स को प्रभावित करने के लिए सत्ताधारी दल द्वारा अधिकारियों की कोई भर्ती नहीं की जाएगी।
- संहिता लागू करने के दौरान सत्ताधारी पार्टी या सरकार को किसी भी नए कल्याण कार्यक्रम या योजनाएं लॉन्च करने की अनुमति नहीं है। इसमें कोई भी नई सड़क निर्माण, पेयजल प्रावधान, किसी प्रकार का रिबन-काटने समारोह आदि शामिल हैं।
- सत्ताधारी दल को अभियान उद्देश्यों के लिए “सीट ऑफ पावर” का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
- चूंकि चुनाव के दौरान यह माना जाता है कि कैंडिडेट्स शराब वितरित करते हैं, इसलिए कैंडिडेट्स द्वारा वोटर्स को शराब का वितरण आचरण संहिता द्वारा मना है।
- चुनाव अभियान के लिए सड़क शो, रैलियों या अन्य प्रक्रियाओं के कारण कोई यातायात बाधा नहीं होनी चाहिए।
- मतदान केंद्रों में सभी प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों को चुनाव प्रक्रिया के लिए मतदान अधिकारियों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता होगी, ताकि चुनाव प्रक्रिया अच्छी तरह से हो सके।
- चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिन्हों का कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।
- केवल चुनाव आयोग से वैध "गेट पास" रखने वाले व्यक्ति को ही मतदान बूथ पर जाने की अनुमति होगी।
- हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस इत्यादि जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुछ उम्मीदवारों द्वारा एकाधिकार नहीं किया जाना चाहिए। इन स्थानों को प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों के बीच समान रूप से उपयोग किया जाना चाहिए।
- प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उनके घरों के सामने सड़क शो या प्रदर्शन आयोजित करके परेशान नहीं करना चाहिए। नियम उम्मीदवारों को इसे ध्यान रखने के लिए कहता है।
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक लाइसेंस और अनुमतियां प्राप्त करनी होंगी।
- चुनावी रैलियों का संचालन करने से पहले स्थानीय पुलिस को उम्मीदवारों द्वारा सूचित किया जाना चाहिए, ताकि अधिकारी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था कर सकें।
- मतदान पर्यवेक्षकों के पास मतदान में किसी भी मुद्दे के बारे में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
Created On :   8 Oct 2018 6:37 PM IST