शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी ठंड से क्यों नहीं मर रहे : दिलीप घोष

Why Shaheen Bagh protesters are not dying of cold: Dilip Ghosh
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी ठंड से क्यों नहीं मर रहे : दिलीप घोष
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी ठंड से क्यों नहीं मर रहे : दिलीप घोष
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  • शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी ठंड से क्यों नहीं मर रहे : दिलीप घोष

कोलकाता, 29 जनवरी (आईएएनएस)। विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने नया विवादित बयान दे डाला है।

घोष ने हैरानी जताई है कि दिल्ली के शाहीन बाग में कड़ाके की ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों में से कोई भी बीमार क्यों नहीं पड़ा है या किसी की मौत क्यों नहीं हुई है।

घोष ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन और यहां तक कि कोलकाता के सर्कस पार्क में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के वित्तीय मदद के स्रोत को भी जानना चाहा।

सीएए के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं धरने पर हैं। आसपास के इलाकों के लोग भी समय-समय पर विरोध स्थल का दौरा करते रहते हैं।

घोष ने यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा, सीएए के खिलाफ महिलाएं और बच्चे दिल्ली में इन सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे हैं। मुझे आश्चर्य है कि उनमें से कोई भी बीमार क्यों नहीं हुआ।

उन्होंने आगे कहा, ऐसा क्यों है कि उन्हें कुछ भी नहीं हो रहा है? वहां एक भी प्र्दशनकारी की मौत क्यों नहीं हुई?

इन सबको पूरी तरह से बेतुका बताते हुए, उन्होंने कहा कि क्या प्रदर्शनकारियों ने किसी प्रकार का अमृत पिया है जो उन्हें कुछ नहीं हो रहा है।

उन्होंने पूछा कि शाहीन बाग और पार्क सर्कस के प्रदर्शनकारियों को अपने धरना जारी रखने के लिए कहां से पैसा मिल रहा है।

शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन से प्रेरणा लेते हुए सात जनवरी को कोलकाता के पार्क सर्कस में मुस्लिम महिलाओं ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

घोष ने कहा, मुझे आश्चर्य है कि पैसा कहां से आ रहा है। आने वाले दिनों में इस बारे में सच्चाई निश्चित रूप से पता चल जाएगी।

इस महीने की शुरुआत में, घोष ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों को पीटने और गोली मारने की धमकी दी थी।

Created On :   29 Jan 2020 9:00 AM GMT

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