श्रीनगर हवाई अड्डे से सीताराम येचुरी और डी राजा को लिया हिरासत में

Yechury, Raja detained at Srinagar Airport
श्रीनगर हवाई अड्डे से सीताराम येचुरी और डी राजा को लिया हिरासत में
श्रीनगर हवाई अड्डे से सीताराम येचुरी और डी राजा को लिया हिरासत में
हाईलाइट
  • माकपा विधायक तारिगामी को देखने जार हे थे दोनों नेता
  • येचुरी और राजा ने गिरफ्तारी का किया विरोध
  • हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत नहीं

श्रीनगर, आईएएनएस। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा को शुक्रवार को श्रीनगर हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। वे यहां कश्मीर घाटी में अस्वस्थ माकपा विधायक एमवाई तारिगामी और अन्य नेताओं से मिलने पहुंचे थे।

इससे एक दिन पहले ही गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी श्रीनगर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई थी। माकपा ने ट्वीट किया, येचुरी जी को श्रीनगर हावाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें कहीं आने-जाने की इजाजत नहीं है। यह तब हुआ है, जब वह पहले से ही प्रशासन को अस्वस्थ तारिगामी और अन्य नेताओं से मिलने की सूचना दे चुके थे।

पार्टी ने आगे कहा, हम इस गैर-कानूनी हिरासत का विरोध करते हैं। इससे पहले श्रीनगर के लिए निकलने से पूर्व येचुरी ने ट्वीटर पर कहा, डी. राजा और मैं सुबह 9.55 बजे की इंडिगो फ्लाइट से तारिगामी और जम्मू एवं कश्मीर के अपने अन्य नेताओं से मिलने जा रहे हैं।

माकपा नेता ने इस पोस्ट के सात एक तस्वीर डाली, जिसमें उन्होंने अपने नेताओं से मिलने की इजाजत के संबंध में राज्यपाल सत्यपाल मलिक को गुरुवार को एक पत्र लिखा था और इस बाबत अनुमति मांगी थी। मलिक को लिखे अपने पत्र में येचुरी ने कहा था, जम्मू एवं कश्मीर में माकपा की सक्रिय इकाई है और राज्य की भंग विधानसभा में उनके एक विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी भी हैं।

उन्होंने कहा, राष्ट्रीय पार्टी के महासचिव होने के नाते मैं तारिगामी (जो मुझे प्राप्त सूचना के अनुसार अस्वस्थ हैं) और अन्य पार्टी सदस्यों से मिलना चाहता हूं। मैं नौ अगस्त की सुबह उनसे मिलने श्रीनगर पहुंचूंगा। येचुरी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि मेरी पार्टी के एक नेता के रूप में मेरी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के संबंध में मुझे प्रशासन से कोई परेशानी नहीं होगी।

वाम दलों ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने का विरोध किया है। गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को भी श्रीनगर में आगे जाने नहीं दिया गया था और उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया था।

आजाद श्रीनगर में पार्टी नेताओं से मिलने और अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के फैसले के बाद जमीनी हालात का पता लगाने के लिए वहां गए थे। जम्मू एवं कश्मीर राज्य को दो केंद्रीय शासित प्रदेशों (जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख) में बदल दिया गया है। घोषणा होने के साथ ही पूरे पांच दिनों से प्रदेश लॉकडाउन है। सरकार ने यह निर्णय किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के मकसद से उठाया है।

 

 

 

 

 

Created On :   9 Aug 2019 11:00 AM GMT

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