देसी ड्रोन से देश की जासूसी की फिराक में था चीन, एक फैसला लेकर भारत ने फिर फेर दिया ड्रेगन के मंसूबों पर पानी

देसी ड्रोन से देश की जासूसी  की फिराक में था चीन, एक फैसला लेकर भारत ने फिर फेर दिया ड्रेगन के मंसूबों पर पानी
  • सुरक्षा को देखते हुए लिया फैसला
  • अमेरिका से खरीदेंगे ड्रोन
  • भारत के पास सामान और तकनीक की कमी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना के ड्रोन्स के निर्माण में अब चीनी पार्ट्स का उपयोग नहीं किया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार ने यह फैसला चीन के साथ चल रहे तनाव के मद्देनजर लिया है।

रिपोर्ट में भारतीय सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया गया कि ड्रोन के कम्युनिकेशन फंक्शन, कैमरे, रेडियो ट्रांसमिशन और ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर में चीन निर्मित पार्ट्स लगे हैं। इनके जरिए भारतीय सेना की खुफिया जानकारी पड़ोसी मुल्क को भेजी जा सकती है। इसी आशंका के चलते भारत सरकार ने चाइनीज पार्ट्स को बैन करने का फैसला लिया गया है।

अमेरिका से खरीदेंगे MQ-9B ड्रोन

भारत की सरकार सेना का आधुनिकीकरण करने पर जोर दे रही है। इसके लिए 2023-24 में करीब 16 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है। इसमें से 75% हिस्सा देश में ही मिलिट्री से जुड़े सामान बनाने के लिए रिजर्व है। सरकार का प्लान मानव हित क्वाडकॉप्टर, ऑटोनॉमस ड्रोन, लंबी दूरी तक उड़ान भरने वाले ड्रोन को सेना के बेड़े में शामिल करने का है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADE) मानवरहित स्टेल्थ ड्रोन और अधिक ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन बनाने पर काम कर रही है। जिसमें अभी काफी वक्त लग सकता है। ऐसे में ड्रोन की कमी को पूरा करने के लिए भारत अमेरिका से 31 MQ-9B ड्रोन खरीदेगा। बता दें कि MQ-9B एक मानव रहित व रिमोट से उड़ने वाला ड्रोन है जो 388 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 40 हजार फीट की ऊंचाई तक करीब 40 घंटे की उड़ान भर सकता है। यह 11 हजार 112 किमी दूर तक अटैक करने में सक्षम है।

भारत के पास तकनीक व सामान की कमी

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जिन ड्रोनों का अभी निर्माण होता है उनमें 70 फीसदी पार्ट्स चीन में निर्मित होते हैं। हमारे देश में अभी वो तकनीक और नॉलेज नहीं है जिससे हम एक बेहतर क्वालिटी वाले ड्रोन बना सकें। यही कारण है कि हम इसके लिए दूसरे देशों खासकर चीन पर निर्भर हैं।

वहीं चीन के पार्ट्स बैन करने से ड्रोन बनाने वाली भारतीय फर्मों की परेशानी बढ़ गई है। जानकारों का कहना है कि प्रतिबंध के चलते लोकल लेवल पर ड्रोन बनाने की लगात में बढ़ोतरी होगी।

Created On :   8 Aug 2023 1:57 PM GMT

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