पहलगाम आतंकी हमला: पहलगाम हमले में तीन नहीं चार आतंकी शामिल, पीओके में बैठकर फारूक कर रहा था मॉनिटरिंग, जानिए NIA ने क्या किया खुलासा

पहलगाम हमले में तीन नहीं चार आतंकी शामिल, पीओके में बैठकर फारूक कर रहा था मॉनिटरिंग, जानिए NIA ने क्या किया खुलासा
  • पहलगाम हमले के चौथे आतंकी का मिला सुराग
  • पीओके में बैठकर, कर रहा था मॉनिटर
  • पहलगाम आतंकियों को दो आरोपियों ने दी पनाह

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पहलगाम आतंकी हमले में हर दिन नए खुलासे हो रहे है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा कि, पहलगाम हमले में तीन आतंकी नही बल्कि चार पाकिस्तानी आतंकी शामिल हैं। जिसकी पहचान फारूक अहमद तड़वा के नाम से की है और यह आतंकी हमलवारों को पीओके में बैठकर मॉनिटर कर रहा था। आपको बता दें कि, बीते रविवार एनआईए ने तीनों आतंकियों को पहना देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से जांच एजेंसी को नए सुराग मिल रहे है और लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है।

इन दो आरोपियों ने आतंकियों की दी थी पनाह

बीबीसी उर्दू के मुताबिक, पहलगाम हमले के दिन फारूक पीओके में बैठकर पूरे घटना की मॉनिटरिंग कर रहा था। हमले के बाद अनंतनाग पुलिस ने कर्रवाई करते हुए तीन आतंकियों के स्केच जारी किए थे। जिसमें उनके नाम आदिल हुसैन टोकर (अनंतनाग) हाशिम मूसा और अली भाई है। इस हमले का मुख्य हमलवार मूसा को बताया जा रहा है, जो पाकिस्तानी आर्मी का जवान भी रह चुका है। उसने बैसरन घाटी में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया और उसके बाद अपने साथियों के साथ एक ठिकाने पर पनाह ली। एनआईए ने बीते रविवार को परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार को गिरफ्तार किया था, इन दोनों ने ही तीनों आतंकियों को पनाह दी थी।

पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को भारत ने किया ध्यस्त

पहलगाम हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जान चली गई थी। जानकारी के मुताबिक, इस हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद, पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ने मिलकर रची थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के भीतर घुसकर लश्कर और जैस के आतंकी ठिकानों को नजदीक से सटीक निशान बनाया।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा का रहने वाला फारूक लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हैं। उसे आतंकी ग्रुप ने तैयार किया और आतंकी गतिविधियों में शामिल किया। पहलगाम हमले को दौरान पीओके में सक्रिय था और हमलावरों पर नजर गड़ाए हुए बैठा था। खबरों के मुताबिक, फारूक के परिवार वालों का कहाना है कि, फारूक ने साल 1990 से ही घर को छोड़ दिया था। इसके बाद वह लश्कर ग्रुप में शामिल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार, फारूक लश्कर के कमांडर का पद है।

Created On :   24 Jun 2025 4:26 PM IST

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