Prof. Ali Khan On Interim Bail: प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को बड़ी राहत, SC ने दी अंतरिम जमानत, ऑपरेशन सिंदूर पर किया था पोस्ट

- अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को बड़ी राहत
- उच्चतम न्यायालय ने दी अंतरिम जमानत
- ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट करने के चलते हुए थे अरेस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट हेड अली खान महमूदाबाद को बड़ी राहत मिली है। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट करने पर गिरफ्तार हुए प्रोफेसर को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायालय ने सरकार को जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है। गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार (21 मई) को सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने अली खान से सवाल किए। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन ऐसे समय में इस तरह की टिप्पणी क्यों की गई?
Supreme Court orders release of Ali Khan Mahmudabad, associate professor and head of the Political Science department at Ashoka University in Haryana, against his arrest over a social media post on Operation Sindoor. SC grants interim bail to Mahmudabad subject to furnishing of… pic.twitter.com/Ua9Kc6YyqU
— ANI (@ANI) May 21, 2025
कपिल सिब्बल ने रखा प्रोफेसर का पक्ष
प्रोफेसर अली खान के एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील रखी कि जो लोग बिना सोचे युद्ध की मांग कर रहे हैं, यह टिप्पणी उनके लिए की गई थी। यह टिप्पणी मीडिया के लिए थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि युद्ध के गंभीर परिणामों पर टिप्पणी करते हुए अब यह राजनीति पर उतर आए हैं? बयान को दोबारा पढ़िए। सभी को अपनी बात कहने का अधिकार मिला है, लेकिन देश एक बड़े संकट से गुजर रहा है। ऐसे में इस तरह के सांप्रदायिक मुद्दों पर टिप्पणी करते का यह कौन सा समय है?
प्रोफेसर ने क्या कहा था?
अली खान ने सोशल मीडिया पर 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा लंबा पोस्ट किया था। उन्होंने ऐसी टिप्पणी की थी जो भारतीय सेना और महिला सैन्य अधिकारियों के लिए अपमानजनक थी। उन्होंने लिखा- इतने सारे दक्षिणपंथी टिप्पणीकार कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ कर रहे हैं, यह देखकर मैं खुश हूं। लेकिन यह लोग शायद इसी तरह से मॉब लिंचिंग के पीड़ितों, मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने और भारतीय जनता पार्टी के नफरत फैलाने के शिकार लोगों को लेकर भी आवाज उठा सकते हैं कि इन लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर सुरक्षा दी जाए।
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Created On :   21 May 2025 12:41 PM IST