India-Germany Relation: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की जर्मनी विदेश मंत्री वाडेफुल से हुई मुलाकात, इन अहम मुद्दों पर दी प्रतिक्रिया, जानें जयशंकर का क्या है कहना?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर की जर्मनी विदेश मंत्री वाडेफुल से हुई मुलाकात, इन अहम मुद्दों पर दी प्रतिक्रिया, जानें जयशंकर का क्या है कहना?
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी भारत और जर्मनी के रिश्ते पर प्रतिक्रिया
  • जर्मनी और भारत ट्रेड पर एस जयशंकर ने अहम मुद्दों पर डाली रोशनी
  • व्यापार में बाधाओं को कम करने की कही बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वाडेफुल की मुलाकात हुई है। दोनों ही देशों के बीच के रिश्तों में मजबूती लाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया गया है। दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों पर अहम चर्चा की है और भारत-जर्मनी के बीच रिश्तों और व्यापार को आगे बढ़ाने का भरोसा जताया गया था। बैठक में जर्मन के विदेश मंत्री ने कहा है कि, भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता जल्द ही हो सकता है। वहीं, एस जयशंकर ने भी कई अहम मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है।

एस जयशंकर ने क्या कहा?

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी विदेश मंत्री से हुई चर्चा पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, 'हमने अभी-अभी यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों पर भारत-जर्मनी सहयोग पर एक अत्यंत उपयोगी चर्चा पूरी की है और हमने क्षेत्रीय, वैश्विक और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया है। मैं अपने प्रिय मित्र जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल का स्वागत करता हूं, जो अपनी वर्तमान क्षमता में पहली बार यहां आए हैं। मुझे इस मई में उनके अतिथि होने का सम्मान प्राप्त हुआ था और मई से अब तक, हम इस बीच की अवधि में नियमित रूप से संपर्क में रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि अब वे अपनी नई भूमिका में भी उसी उत्साह का पूरा उपयोग करेंगे।'

आतंकवाद से भारत की लड़ाई में जर्मन ने दिया समर्थन- एस जयशंकर

एस जयशंकर ने आगे कहा कि, 'आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के संबंध में जर्मनी ने जो समझदारी दिखाई है, उसकी हम बहुत कद्र करते हैं। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने स्वयं आतंकवादी हमलों से अपने लोगों की रक्षा करने के हमारे अधिकार के बारे में स्पष्ट रूप से बात की है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जून में जर्मनी आए एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। हमारे रक्षा और सुरक्षा सहयोग में वृद्धि हुई है। जर्मनी ने पिछले वर्ष तरंग शक्ति वायु अभ्यास में भाग लिया था और उसके जहाजों ने गोवा बंदरगाहों पर भी रुककर अभ्यास किया था। आज, हम इस बात पर सहमत हुए कि इस तरह की भागीदारी जारी रहनी चाहिए, बल्कि इसका विस्तार भी किया जाना चाहिए।'

ट्रेड पर क्या बोले विदेश मंत्री?

जर्मनी और भारत के ट्रेड रिश्तों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, 'पिछले साल हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 50 अरब यूरो का था। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हम अपने व्यापार को दोगुना कर देंगे। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत भी उनकी इसी भावना का समर्थन करता है। वह जर्मन सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है। मैं दोहराना चाहता हूं कि हम इस देश में व्यापार को और आसान बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध हैं और मैंने आज मंत्री महोदय को आश्वस्त किया कि जर्मन कंपनियों की भारत में आने, यहां स्थापित होने और काम करने संबंधी किसी भी चिंता पर हम विशेष ध्यान देने के लिए तैयार हैं। हमने अभी-अभी अपने वैज्ञानिक सहयोग के 50 वर्ष पूरे किए हैं। इसे और मजबूत करना और इसे उद्योग जगत से जोड़ना वह कार्य है जो हमने अपने लिए निर्धारित किया है। हमारे साइबर और डिजिटल संवाद भी महत्वपूर्ण हैं। मंत्री वाडेफुल ने बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान और इसरो का भी दौरा किया। अंतरिक्ष सहयोग में अपार संभावनाएं हैं और हम आज फिर इस बात पर सहमत हुए हैं कि इसे और अधिक सक्रियता से तलाशा जाना चाहिए।'

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Created On :   3 Sept 2025 4:56 PM IST

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