Wakf Amendment Act 2025: SC में सुनवाई के दौरान क्यों हुई SG मेहता और एडवोकेट सिब्बल के बीच तीखी बहस? जानें वो 3 मुद्दे जिन पर फंसा पेंच

- वक्फ संशोधन अधिनियाम 2025 पर SC में सुनवाई
- तुषार मेहता-कपिल सिब्बल के बीच छिड़ी बहस
- लिखित दलीलों में अलग मुद्दे शामिल होने पर कहा-सुनी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भूषण रामकृष्ण गवई की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच यह तय करेगी कि वक्फ संशोधन अधिनियम संवैधानिक तौर पर वैध है या नहीं? केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट कपिल सिब्बल बहस कर रहे हैं। मंगलवार (20 मई) को सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल और तुषार मेहता के बीच तीखी बहस हुई। चलिए जानते हैं यह कहा-सुनी क्यों हुई?
क्यों हुई सिब्बल-मेहता के बीच बहस?
केंद्र का पक्ष रख रहे तुषार मेहता का कहना है कि बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान तीन सवाल खड़े किए थे जिनका जवाब केंद्र ने दिया। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने अब लिखित दलीलों में तीन के अलावा भी कुछ मुद्दे जोड़ दिए गए हैं।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी कि मुद्दे उठाने के लिए कोई लिमिट तय नहीं की गई थी।
क्या हैं तीन मुख्य मुद्दे?
सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर 15 मई को सुनवाई हुई थी। इस दौरान 3 मुद्दों को उठाया गया।
1. पहलगा मुद्दा वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की भर्ती का है।
2. कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं? इसका फैसला कलेक्टर के हाथों में होना दूसरा विवाद है।
3. तीसरा मुद्दा वक्फ बाय यूजर से संबंधित है। यानि कि संपत्ति के औपचारिक दस्तावेज न होने के बावजूद उसका लंबे समय से उपयोग करना।
बोर्ड में कोई भर्ती नहीं
पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना ने निर्देश दिया था कि जब तक आगे कोई आदेश नहीं दिया जाता तब तक वक्फ बोर्ड में किसी की भर्ती नहीं की जाएगी। मालूम हो कि इस मामले पर पहले खन्ना सुनवाई कर रहे थे लेकिन उनके रिटायमेंट के बाद गवई नए सीजेआई बने और उन्होंने सुनवाई को आगे बढ़ाया। जस्टिस गवई ने 14 मई को CJI की रूप में पद ग्रहण किया।
Created On :   20 May 2025 3:01 PM IST