सिर पर गिरा 'मेट्रो ट्रेन' का गर्डर, याददाश्त ऐसी गई कि माता-पिता भी याद नहीं

Accident with woman during Metro train development work in nagpur
सिर पर गिरा 'मेट्रो ट्रेन' का गर्डर, याददाश्त ऐसी गई कि माता-पिता भी याद नहीं
सिर पर गिरा 'मेट्रो ट्रेन' का गर्डर, याददाश्त ऐसी गई कि माता-पिता भी याद नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सप्ताह भर पहले हुए हादसे में एक हंसते-खेलते परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। हादसे के लिए जिम्मेदार प्रशासन पीड़ित परिवार की सुध लेकर मदद करने की जहमत तक नहीं उठा रहा है। ज्ञात हो कि बीते 8 अक्टूबर को  मेट्रो ट्रेन का गर्डर इस परिवार की बहू अमी जोशी पर गिरा था। वह भी तो रोज मेट्रो के साथ हो रहे शहर के विकास के साथ कदमताल कर रही थी। उसी रास्ते से उसका आना-जाना था, जहां मेट्रो का काम जारी है।

खुश होती थी, यह देखकर की काम यहां तक पहुंच गया। वाह...अब कल यहां तक काम हो जाएगा। पर अभी उसे सब कुछ ठीक से ‘याद’ नहीं। याद आती भी है तो तुरंत भूल जाती है। मेट्रो और शहर के विकास की बात तो दूर, अपने माता-पिता को भी ठीक से पहचान नहीं पा रही है। मेट्रो की एक गलती ने अमी को ऐसा नासूर दिया है, जिसे न तो वह किसी को बता सकती और न वह खुद समझ सकती। मेट्रो का काम जारी है। कल शहर रफ्तार पर सवार भी होगा, लेकिन पीड़ित परिवार ठहर गया है।

अमी से मिलने की अनुमति नहीं
अमी विचलित नहीं हो, इस ख्याल से उससे मिलने की अनुमति किसी को नहीं दी जा रही है। अस्पताल प्रशासन पूरी तरह रोक लगाए हुए है। रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को भी मरीज के कमरे में न जाने देते हुए परिजनों से मिलाया जाता है। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि अमी की सेहत में सुधार हो रहा है। जल्द रिलीज भी कर दिया जाएगा।

मेरी बिटिया कहां है
घटना की जानकारी मिलते ही अमी के माता-पिता गुजरात से भागे आए पर स्तब्ध रह गए- बेटी ने उन्हें देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। होश में आने के बाद पति को तो पहचान लिया, लेकिन हफ्ते भर से जिस मासूम बेटी से नहीं मिली, कहती है अभी तो वह मुझसे मिलकर गई है। बता दें कि अमी जोशी बीते रविवार मेट्रो परियोजना के रीच-4 अर्थात सेंट्रेल एवेन्यू के आंबेडकर चौक पर स्टील गर्डर गिरने से दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं। साथ में सास साधना और पौने दो साल की बेटी भी थी। सास मामूली जख्मी हुई, जबकि बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है।

परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है
घायल अमी के पति जय जोशी ने कहा कि मेट्रो की गलतियों के कारण हमारे परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। मेरी पत्नी को कुछ याद नहीं रहता। वह जल्द रिकवर करेगी, इसकी भी अनिश्चितता बनी हुई है। अस्पताल से निकलने के बाद आनेवाले खर्च को लेकर मेट्रो प्रशासन की ओर से किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है। सिर में आई चोट के कारण भविष्य में कोई समस्या आती है तो उसकी जिम्मेदारी भी मेट्रो प्रशासन को ही लेनी होगी।

कामकाज ठप  पैसे कहां से लाएंगे
अमी की सेहत को लेकर चिंता खाए जा रही है कि रिलीज होने के बाद का खर्च कैसे उठाएंगे। अभी तो रोज ही दवाओं पर हजारों खर्च हो रहे हैं। कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। जय ने बताया कि अब तक मेट्रो की ओर से मुझसे या मेरे परिवार के सदस्य से किसी ने भी सीधे मुलाकात नहीं की है। मेट्रो प्रशासन के अधिकारी जरूर आते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को चेक के माध्यम से पेमेंट कर चले जाते हैं।
  
ऐसी गलती किसी और के साथ न हो    
अमी के ससुर योगेश जोशी का कहना है कि अमी को ठीक होने में कितना समय लगेगा, यह तो पता नहीं, लेकिन उसके बिना उसकी नन्हीं बेटी का हाल बुरा हो रहा है। मेट्रो प्रशासन की गलती के कारण जो हम पर बीत रही है, ऐसी गलती किसी और के साथ न हो इसका इंतजाम होना चाहिए। संबंधित मांग का निवेदन भी दिया गया है।

Created On :   16 Oct 2017 11:46 AM GMT

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