इंच-इंच नपेगी जमीन : ड्रोन की रहेगी नजर, छिपा पाना संभव नहीं

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इंच-इंच नपेगी जमीन : ड्रोन की रहेगी नजर, छिपा पाना संभव नहीं
इंच-इंच नपेगी जमीन : ड्रोन की रहेगी नजर, छिपा पाना संभव नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गांवठान सीमा में घरों की नाप-जोख ड्रोन कैमरे से की जा रही है। भूमि अभिलेख कार्यालय इस काम को कर रहा है। जिले में 13 तहसील हैं। प्रायोगिक तत्व पर हर तहसील में दो गांवों का चयन किया गया है। ड्रोन कैमरे से पहले गांव के गांवठान की जमीन नापी जाएगी। इसके बाद घर का क्षेत्रफल, व्यक्तिगत और सरकारी जमीन की नापजोख की जाएगी। राज्य में सातारा, पुणे और औरंगाबाद के बाद अब नागपुर में यह काम किया जा रहा है। इस काम में सफलता मिलने के बाद अन्य सभी गांवों की भी नापजोख की जाएगी।

खसाला, मसाला मेे नापजोख
जिले में 768 ग्राप पंचायत अंतर्गत 1500 से अधिक गांव हैं। दो गांवों की ड्रौन कैमरे से नापजोख किए जाने की जानकारी मिली है। 31 अक्टूबर को कामठी तहसील के खसाला और मसाला गांव की नाप-जोख की गई। गांवठान निश्चित करने के काम में तलाठी, ग्रामसेवक और सरपंच ने सहायता की। गांव की नापजोख दौरान अंतर्गत रास्ते, घर और खुली जमीन के नक्शे तैयार किए गए। अब यहां के ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड बनाकर दिए जाएंगे। 

पहली बार बनेंगे गांवठान के नक्शे
देश में 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। गांव की जनसंख्या में वृद्धि तथा विविध योजनाओं के चलते गांव में बदलाव हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के गांवठान के अभिलेख उपलब्ध नहीं रहने से जमीन कितनी है, इसका कोई कागजी सबूत नहीं रहता। जमीन का मालिकाना दस्तावेज नहीं रहने से ग्रामीणों को गृहकर्ज, गिरवीपत्र अथवा कर्ज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। 

सीमा विवाद कम होगा
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी खेत, सीमा, पांधन, पगडंडी, खेत के मेढ़ की सीमा निश्चित नहीं है। इसका फायदा उठाकर अतिक्रमण बढ़ रहे हैं। मेढ़ को काटकर खेत में तब्दील करने पर विवाद होकर मामले न्यायालय तक पहुंचते हैं। दीवानी और जिला सत्र न्यायालय में सीमा को लेकर सर्वाधिक मामले दाखिल हैं। ड्रोन कैमरे से नापजोख करने पर सीमा विवाद भी कम होगा।

राजस्व में होगी वृद्धि
ड्रोन कैमरे से नाप-जोख होने पर संपत्ति का पुनर्मूल्यांकन किया जा सकेगा। फिलहाल अनेक ग्राम पंचायतों के पास सीमा के नक्शे नहीं हैं। संपत्ति कर अंदाज से निर्धारित किया जाता है। संपत्ति की निश्चित जानकारी उपलब्ध होने पर कर निर्धारण किए जाने से राजस्व में वृद्धि होगी, साथ ही ग्राम पंचायतों की आय भी बढ़ेगी।

Created On :   31 Oct 2019 8:42 AM GMT

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