ईमानदार की चल पड़ी, सटोरिए ने जीता दिया चुनाव, जानिए क्या हुआ था 1962 के चुनाव में

Honest walked, the bookie won the election, know what happened in the 1962 election
ईमानदार की चल पड़ी, सटोरिए ने जीता दिया चुनाव, जानिए क्या हुआ था 1962 के चुनाव में
ईमानदार की चल पड़ी, सटोरिए ने जीता दिया चुनाव, जानिए क्या हुआ था 1962 के चुनाव में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में विधानसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। वैसे तो चुनाव में जीत और हार, प्रत्याशी की योग्यता, कार्यक्षमता व लोकप्रियता के आधार पर होना चाहिए, किंतु कभी-कभी कुछ अदृश्य कारण भी जीत को हार में बदल देते हैं और कोई कुछ नहीं कर पाता। ऐसा ही एक मामला 1962 का है। एक प्रत्याशी इसलिए हार गया, क्योंकि एक सटोरिये ने उसके खिलाफ हार-जीत तय कर रखी थी। सटोरिये ने एक प्रत्याशी, जो उच्च घराने से व संपन्न व्यक्ति था, उसकी हार को सुनिश्चित मान कर एक लाख रुपए का सट्टा लगाया था। उस जमाने में एक लाख रुपए बहुत बड़ी रकम होती थी। उपरोक्त संपन्न व्यक्ति के खिलाफ एक साधारण किंतु ईमानदार व्यक्ति खड़ा था, जिसके काम व चरित्र को देखकर लोग बिना किसी ताम-झाम के उसके पक्ष में उमड़ पड़े थे। संपन्न प्रत्याशी ने जोर-शोर से प्रचार शुरू किया। उन दिनों खर्च की लिखा-पढ़ी पर इतनी सख्ती नहीं थी। वैसे आज काफी सख्ती होने के बाद भी कुछ हो नहीं रहा।

खैर, संपन्न प्रत्याशी ने साइकिल रिक्शे पर इश्तहार लगाकर जोर-शोर प्रचार शुरू किया। तरह-तरह के कागज के "बिल्ले" बांटे। धीरे-धीरे उसका पलड़ा भारी लगने लगा। सटोरियों ने बैठकर विचार किया कि प्रचार के अभाव में उनके दांव वाला प्रत्याशी हार न जाए। वह हारता है, तो उनका एक लाख का नुकसान होगा। लिहाजा, उन्होंने तय किया कि अगर अपने गरीब प्रत्याशी के प्रचार पर 10 हजार खर्च कर दिए जाएं, तो उसकी जीत प्राय: निश्चित लगती है। वैसे भी एक लाख हार रहे हैं, और 10 हजार और सही। अगर वह जीता तो उन्हें एक लाख के बजाय 90 हजार का लाभ होगा और नहीं तो एक लाख के बजाय 1 लाख 10 हजार की ही हानि होगी। अंतत: वैसा ही किया गया। जिसकी जीत साधनों के बूते पर सुनिश्चित दिख रही थी, वह हार गया और सटोरिए की पसंद का प्रत्याशी जीत गया। दोनों ही अब दुनियां में नहीं हैं, पर यह बात जरूर साबित होती है कि जो ज्यादा जोखिम उठाता है, और समय तथा घटनाओं पर नजर रखता है, वही बाजी पलट कर चाहे-अनचाहे अपनी झोली में डाल ही लेता है।
 

Created On :   10 Oct 2019 6:50 AM GMT

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