कर्नाटक: येदियुरप्पा ने साबित किया बहुमत, स्पीकर ने दिया इस्तीफा

कर्नाटक: येदियुरप्पा ने साबित किया बहुमत, स्पीकर ने दिया इस्तीफा
हाईलाइट
  • सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित किया

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद येदियुरप्पा को 29 जुलाई को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना किया। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं की और येदियुरप्पा सरकार ने ध्वनिमत से विश्वास मत जीत लिया। अब सरकार अपने आगे के कामकाज में जुट गई है। बहुमत साबित होने के बाद स्पीकर ने अपना पद छोड़ दिया।

विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, मैं अपना पद छोड़ना चाहता हूं और जो डिप्टी स्पीकर है अभी वह इस पद को संभालेंगे।

विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले CM येदियुरप्पा ने श्रीबाला वेरा मंदिर में पूजा की। इसके बाद वह विधानसभा पहुंचे। इसी दौरान कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने पार्टी के विधायकों के साथ विधानसभा परिसर में बैठक की। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बता दें कि, वर्तमान में 207 विधायकों वाली विधानसभा है, जिसमें बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए था और बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। 

विधानसभा में बहस के दौरान कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, हमने चार दिन पहले एचडी कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की थी। उसमें हिस्सा लिया था और मैं उस बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं उन स्थितियों के बारे में बात कर सकता था जिनमें येदियुरप्पा सीएम बने हैं। मैं उन्हें शुभकामना देता हूं और उनके भरोसे का स्वागत करता हूं कि वह लोगों के लिए काम करेंगे। 

सिद्धारमैया ने कहा, हमें लोगों के लिए काम करने के लिए चुना गया है और हमें वह करने की कोशिश करनी चाहिए। मैंने सीएम रहते हुए यह कोशिश की थी और कुमारस्वामी ने भी। इस पर येदियुरप्पा ने कहा, प्रशासन रुक गया है और वह उसे सही करना चाहते हैं। सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा पर हमला बोलते हुए कहा, येदियुरप्पा कभी लोगों के बहुमत के साथ सीएम नहीं रहे। बहुमत कहां है? आपके पास 2008 में भी नहीं था, 2018 में भी नहीं था और ना आज है। जब उन्होंने शपथ ली थी तब 222 विधायक थे। बीजेपी के पास बहुमत के लिए 112 विधायक कहां थे? उनके पास 105 सीटें थीं। यह बहुमत नहीं है।

सिद्धारमैया ने कहा, हम आशा करते हैं येदियुरप्पा सीएम बनें लेकिन उसकी कोई गारंटी नहीं है। आप बागियों के साथ हैं, आप कैसे स्थिर सरकार देंगे? यह असंभव है। मैं इस विश्वास मत का विरोध करता हूं क्योंकि यह सरकार असंवैधानिक और अनैतिक है।

कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा, मैंने 14 महीने सरकार चलाई है, मेरे पास येदियुरप्पा के सवालों का जवाब देने की मजबूरी नहीं है। मुझे मेरे जमीर को जवाब देना है। पिछले 14 महीने से सबकुछ रिकॉर्ड हो रहा है, जनता को पता है कि मैंने क्या किया है।

गौरतलब है कि, कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीते शुक्रवार को बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और सीएम पद की शपथ ले ली। जिसके बाद येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान कांग्रेस-जेडीएस के पास 99, बीजेपी के पास 105 वोट थे। कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 विधायक हैं। कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने के बाद मौजूदा विधानसभा की क्षमता 207 हो गई है। जिसके आधार पर कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 104 जादुई आंकड़ा रहा। बीजेपी के पास 105 और कांग्रेस-जेडीएस के पास 99 विधायक हैं।

 
 

 


 

 

Created On :   29 July 2019 3:51 AM GMT

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