बीजेपी के साथ निर्दलीय गोपाल कांडा, बोले- मेरी रगों में बहता है RSS का खून

MLA Gopal Kanda accused of Geetika Sharma case will support BJP in Haryana!
बीजेपी के साथ निर्दलीय गोपाल कांडा, बोले- मेरी रगों में बहता है RSS का खून
बीजेपी के साथ निर्दलीय गोपाल कांडा, बोले- मेरी रगों में बहता है RSS का खून

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। हरियाणा की लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा बिना शर्त के बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हो गए हैं। गोपाल कांडा इस समय अपनी ही कंपनी की एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा आत्महत्या केस में आरोपी में हैं और उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। गोपाल कांडा ने मीडिया से बातचीत में कहा, मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं है। मेरा परिवार आरएसएस के साथ है, मेरी रगों में आरएसएस का खून बहता है।

कांडा ने कहा, "मेरा परिवार आरएससएस से जुड़ा है। मेरे खिलाफ घोटाले की बातें गलत हैं। मेरी लाइफ में एक ही झूठा केस दर्ज हुआ। कांग्रेस सरकार ने 306 का केस किया था। बीजेपी को बिना शर्त समर्थन दे रहा हूं। मोदीजी के नेतृत्व में देश का विकास हो रहा है। गोपाल कांडा ने यह भी कहा कि उनके पिता ने 1926 में आरएसएस जॉइन की थी और उनका पूरा परिवार आरएसएस के साथ है।

 

 

बता दें कि कांडा इस समय जमानत पर बाहर चल रहे हैं। पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र में कांडा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), धारा 471 (धोखाधड़ी), और उत्पीड़न सहित आईपीसी की कई अन्य धाराएं लगाई हैं। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 भी लगाई गई हैं। 

 

कौन है गोपाल कांडा ?
53 साल के हो चुके गोपाल कांडा की किस्मत उस समय बदली जब जूतों-चप्पलों का कारोबार फेल होने के बाद साल 1998 में वह रियल एस्टेट के बिजनेस में कूदे। 2007 में उनकी कार से 4 वांटेड क्रिमिनल मिले तो केंद्र ने राज्य सरकार से जांच करने को कहा। साल 2009 में गोपाल कांडा ने नेशनल लोकदल की टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते। उस चुनाव में हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था। तो गोपाल कांडा की किस्मत खुल गई और उन्हें मंत्री बना दिया गया। तब तक उन्होंने अपनी एयरलाइंस बना ली थी।

क्या है मामला है ?
गोपाल कांडा की एक एयरलाइंस कंपनी थी। इसी कंपनी में गीतिका शर्मा नौकरी करती थी। 2012 में गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी। गीतिका की लाश अशोक विहार स्थित अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी। अपने सुसाइड नोट में गीतिका शर्मा ने गोपाल कांडा का नाम लिया था, जिसके बाद वह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे। सुसाइड नोट में गोपाल कांडा एवं उसकी कम्पनी में काम करने वाली एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद कांडा को गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कुछ सालों बाद गीतिका शर्मा की मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली। उन्होंने भी अपने पीछे छोड़े नोट में अपनी बेटी की आत्महत्या के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को ही जिम्मेदार ठहराया।

बीजेपी ने सड़कों पर कांडा के खिलाफ किया था प्रदर्शन 
कई दिनों तक अंडरग्राउंड रहने के बाद गोपाल कांडा ने बाद में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था। इस मामले में गोपाल कांडा पर बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगे थे। राजनीतिक दबाव में उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। यही वो वक्त था जब भारतीय जनता पार्टी ने सड़कों पर उतर कर गोपाल कांडा के खिलाफ प्रदर्शन किया था। बीजेपी उस समय गीतिका शर्मा के न्याय की मांग कर रही थी। सोशल मीडिया पर इस वक्त ऐसी तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। जिनमें बीजेपी गोपाल कांडा के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करती नजर आ रही है। 

 

 

 

Created On :   25 Oct 2019 8:36 AM GMT

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