जानें 'नवरात्रि' का अर्थ, इसे क्यों कहा जाता है दुर्गा पूजा...?

This year Navratri begins on September 21 and ends on Sept. 29
जानें 'नवरात्रि' का अर्थ, इसे क्यों कहा जाता है दुर्गा पूजा...?
जानें 'नवरात्रि' का अर्थ, इसे क्यों कहा जाता है दुर्गा पूजा...?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष के जाते ही अश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से नवरात्र अारंभ हाे जाते हैं। इस वर्ष 20 को स्नानदान अमावस्या के बाद नवरात्रि 21 सितंबर 2017 से प्रारंभ हो रहे हैं।  इस इस दिन गुरुवार का संयोग है। अगर नवरात्रि की शुरूआत गुरुवार से होती है तो मां जगदम्बा पालकी में सवार होकर आती हैं। ये नौ दिन मां जगदंबा की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ बताए गए हैं। इन दिनों भक्त अपनी भक्ति की प्रबलता दिखाते हैं तो वहीं तांत्रिक भी तंत्र-मंत्र के जरिए मां को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।  

कठिन साधना 

नौ देवियों को प्रसन्न करने के लिए हर दिन अलग-अलग प्रसाद का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि माता की पसंद के अनुसार उन्हें भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनचाहा वर प्रदान करती हैं। इस दिनों हमें ऐसे साधक देखने मिलते हैं। जिसकी भक्ति रोंगटे खडे़ करने वाली होती है। नौ दिनों की कठिन साधना के बाद दसवें दिन दशहरे का विधान पुरातन है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी जाना जाता है।

दुर्गा पूजा 

इस त्योहार के पीछे की कहानियां भी हर स्थान पर अलग-अलग हैं। भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में इसे दुर्गा पूजा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा ने महिषासुर के साथ संघर्ष किया और जीत हासिल की। इन स्थानों पर देवी पूजन की भव्यता नैयनाभिरामी होती है।

रावण के ऊपर राम की जीत

उत्तर भारत में नवरात्रि, "नव" अर्थ में नौ "रत्तरी" का अर्थ है रात, रावण के ऊपर राम की जीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। इसे लिए जगह-जगह रामलीला का भी आयोजन किया जाता है। उत्सव के दौरान मंचन के बाद दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का दहन किया जाता है। विभिन्न कहानियों और किवदंतियों के अनुसार ही कई स्थानों पर गरबा भी आयोजित होता है। 

Created On :   19 Sep 2017 3:40 AM GMT

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