पाकिस्तान पर फिर चला अमेरिका का चाबुक, सुरक्षा मदद पर रोक
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। आतंक के पनाहगार देश पाकिस्तान पर एक बार फिर अमेरिका का चाबुक चला है। इस बार ट्रंप प्रशासन ने PAK को दी जाने वाली सभी तरह की सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी है। अमेरिका का साफ कहना है कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां मौजूद अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई नहीं करेगा तब तक ये रोक जारी रहेगी। इतना हीं नहीं अमेरिका ने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के ‘गंभीर उल्लंघनों’ को लेकर विशेष निगरानी सूची में डाल दिया है।
I’m introducing a bill to end aid to Pakistan in the coming days. My bill will take the money that would have gone to Pakistan and put it in an infrastructure fund to build roads and bridges here at home. pic.twitter.com/SHlA00rWEd
— Senator Rand Paul (@RandPaul) January 4, 2018
अमेरिका सैनिक बन रहे निशाना
अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 14 हजार सैनिक हैं। अमेरिका ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान तालिबानी आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में पूरी तरह से फेल रहा है। इसलिए पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोकी जा रही है। इस रोक में सभी सुरक्षा फंड और मिलिट्री साजो-सामान का ट्रांसफर भी शामिल होगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नावएर्ट ने इसकी घोषणा की, हालांकि उन्होंने यह विवरण नहीं दिया कि कुल कितनी राशि के फंड को रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि यह रकम काफी ज्यादा है।
धार्मिक आजादी का घोर उल्लंघन
वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक पाकिस्तान धार्मिक आजादी के मामले में स्पेशल वॉच लिस्ट में रखा गया है। अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान में धार्मिक आजादी का घोर उल्लंघन हो रहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने कहा, ‘विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को भी धार्मिक स्वतंत्रता के ‘गंभीर उल्लंघनों’ को लेकर विशेष निगरानी सूची में डाल दिया.’ ‘विशेष निगरानी सूची’ उन देशों के लिए होती है जहां धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन तो होता है लेकिन यह सीपीसी के स्तर तक नहीं जाता है।
पाकिस्तान पहला देश
इस सूची में शामिल होने वाला पाकिस्तान पहला देश है। नौअर्ट ने कहा, ‘दुनियाभर में कई स्थानों पर लोगों को अपने धर्म की आजादी का पालन करने पर अब भी उत्पीड़न, अभियोजन का सामना करना पड़ता है और सलाखों के पीछे जाना पड़ता है।’ उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम एक्ट, 1998 के अनुसार विदेश मंत्री हर साल उन सरकारों को ‘खास चिंता वाले देशों’ के रुप में नामित करते हैं जो धार्मिक आजादी के भयंकर उल्लंघन में शामिल है या उन्हें नजरअंदाज करती हैं।
पाकिस्तान ने बनाया मूर्ख
गौरतलब है कि इससे पहले ट्रंप ने पाकिस्तान को चेताते हुए उससे आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा था। इसके साथ ही ट्रंप ने भारत से भी अफगानिस्तान नीति पर सहयोग की मांग की थी। वहीं 1 जनवरी को ट्रंप ने ट्वीट में कहा था कि मूर्ख बनते हुए ही 15 सालों में पाक की 33 बिलियन डॉलर की मदद की है। लेकिन इसके बदले में पाक ने अमेरिका को झूठ और धोखे दिए हैं, और हमारे पूर्व के राष्ट्रपतियों को मूर्ख बनाया है। ट्रंप ने लिखा कि पाक अफगानिस्तान में हमले करने वाले आतंकियों को आश्रय देता है। इसके साथ ही उन्होंने आगे से पाक की मदद को रोकने के भी संकेत दिए थे।
The United States has foolishly given Pakistan more than 33 billion dollars in aid over the last 15 years, and they have given us nothing but lies deceit, thinking of our leaders as fools. They give safe haven to the terrorists we hunt in Afghanistan, with little help. No more!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 1, 2018
Created On :   5 Jan 2018 2:38 AM GMT