SCO Summit 2027: पाकिस्तान में अगले साल एससीओ समिट का होगा आयोजन, पीएम शरीफ ने इसे लेकर कही ये अहम बात

- पाकिस्तान ने एससीओ समिट की तैयारियां की शुरू
- चीन में आयोजित एससीओ समिट में भारत ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
- एससीओ संगठन की 15 जून 2001 को हुई स्थापना
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2027 पाकिस्तान में होने वाला है। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू करने के आदेश दे दिया है। ये जानकारी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान दी है।
शरीफ ने इस आयोजन को लेकर कही ये बात
पाकिस्तानी पीएम ने आज रावलपिंडी के रावल क्षेत्र में एक सड़क विकास परियोजना में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, "हमें अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।" हालांकि, पीएम ने इस सम्मेलन की तारीखों का ऐलान नहीं किया है।
शरीफ ने विकार परियोजना के कार्यक्रम में कहा, "मैं आवास बनाने और इस्लामाबाद को सुंदर बनाने की जरूरत है। बताते चलते हैं कि इसी साल एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी चीन की थी, जो तियानजिन में आयोजित हुआ था। जहां पर पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाया था।
वहीं, भारत ने इस शिखर सम्मेलन में पहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा पुरजोर से उठाया था और पाकिस्तान में पनाह ले रहे आतंकवादी संगठनों पर जमकर बरसे। इस पर एससीओ सदस्य देशों ने एक घोषणापत्र जारी किया था, जिसमें पहलगांम हमले की कंड़ी निंदा की थी। साथ ही भारत को कड़े रुख अपनाने की बात भी कही थी। उसमें आगे बताया गया था कि आतंकवाद के खिलाफ भारत लड़ाई में दोहरा मानदंड को अस्वीकार्य करने की बात कही थी।
इसमें करना चाहिए निवेश
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने साल 2024 में एससीओ समिट के शासनाध्यक्षों की मीटिंग की मेजबानी की थी। उस वक्त पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि पूरे इलाकों को एक-दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहिए, ताकि ताकत पर कार्य किया जा सकें। उन्होंने आगे कहा कि इसमें निवेश भी करना चाहिए। इस मेजबानी की वजह से पाकिस्तान सरकार ने तीन दिन की छुट्टी घोषित तक कर दी थी।
इस समिट की स्थापना 15 जून 2001 को चीन के शंघाई शहर में की गई थी। शुरूआत में इस संगठन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान देश शामिल थे। इसके बाद भारत को इसकी सदस्या साल 2017 में दी गई थी। इस संगठन का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।
Created On :   12 Sept 2025 11:21 PM IST














