पाकिस्तान में मचा हाहाकार: सिंध में 6 नहर प्रोजेक्ट को लेकर सुलगी हिंसा, बौखलाए प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री के घर में लगाई आग

- पाकिस्तान में 6 नहर प्रोजेक्ट को लेकर भड़की हिंसा
- प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृह मंत्री का घर फूंका
- जानें पूरा मामला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही तनाव जारी है। इस बीच पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 6 नहर प्रोजेक्ट को लेकर हिंसा सुलग रही है। इस प्रोजेक्ट के खिलाफ सिंध के लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर के नौशहरो फिरोज जिले में स्थित बंगले को निशाना बनाया। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के घर पर तोड़फोड़ करने के बाद आग लगी दी।
प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे के नजदीक मोरो शहर में स्थित मंत्री के घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने दो ट्रेलरों को भी आग में धकेल दिया। इसके चलते पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। जबकि, एक डीएसपी और 6 अन्य पुलिसकर्मी समेत एक दर्ज से ज्यादा लोग घायल हो गए।
क्यों भड़की हिंसा
दरअसल, यह पूरा विवाद चोलिस्तान नहर से जुड़ा हुआ है। इसे लेकर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सिंध की पपीपी सरकार के बीच तनातनी चल रही है। दरअसल, शहबाज सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई के लिए सिंधु नदी पर 6 नहरों का निर्माण करने प्रोजेक्ट लेकर आई है। हालांकि, पीपीपी और सिंध प्रांत के अन्य राजनीतिक दलों इस प्रोजेक्ट के खिलाफ है।
जानें प्रोजेक्ट की लागत
पाकिस्तान के सराकारी सूत्रों के मुताबिक, चोलिस्तान कैनल सिस्टम की अनुमानित लागत 211.4 अरब रुपये है। इस प्रोजेक्ट का मकसद हजारों एकड़ बंजर भूमि को खेती योग्य जमीन में बदलना था। इसके अलावा प्रोजेक्ट के तहत 4,00,000 एकड़ जमीन पर खेती की प्लानिंग थी।
हालांकि, सिंध में इस प्रोजेक्ट का जमकर विरोध किया गया। इस प्रोजेक्ट के खिलाफ राजनीतिक दल, धार्मिक संगठन, एक्टिविस्ट्स समेत वकील भी शामिल थे। नतीजा यह रहा कि इस प्रोजेक्ट के खिलाफ पूरे सिंध में रैलियां और धरना प्रदर्शन हुआ। इसके बाद बीते महीने इस प्रोजेक्ट को कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (सीसीआई) ने अस्वीकार कर दिया।
प्रोजेक्ट को लेकर हुई सीसीआई की बैठक के बाद पाकिस्तान के पीएमओ ने बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया, "सभी प्रांतों के बीच आपसी समझ और आम सहमति के बिना कोई भी नई नहर नहीं बनाई जाएगी... जब तक प्रांतों के बीच व्यापक समझौता नहीं हो जाता, तब तक केंद्र किसी भी योजना पर आगे नहीं बढ़ेगा।" हालांकि, सीसीआई के फैसले के बाद भी परिणाम बेअसर रहा। शहबाज सरकार के लाख अपील करने के बाद भी सिंध में प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बरकरार रहा।
Created On :   21 May 2025 2:34 PM IST