तेलंगाना में बीआरएस के करीब डेढ़ दर्जन नेता थामेंगे कांग्रेस का 'हाथ', सोमवार को कांग्रेस की लेंगे सदस्यता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 119 विधानसभा सीटों वाले तेलंगाना में भी इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन उससे पहले राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीआरएस (BRS) को बड़ा झटका लगा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी के करीब डेढ़ दर्जन नेता सोमवार (26 जून) को कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीआरएस के बागी नेता जुपल्ली कृष्णा राव और पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी कांग्रेस में शामिल होने से पहले सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
बीआरएस को छोड़ने वाले नेताओं में खम्मम से पूर्व सांसद पीएस रेड्डी, राज्य के पूर्व मंत्री कृष्णा राव, एमएलसी दामोदर रेड्डी और तीन-चार पूर्व एमएलए सहित करीब डेढ़ दर्जन नेता हैं, जो कांग्रेस का दामन थामने के लिए तैयार है। ये सभी नेता कल राजधानी दिल्ली में कांग्रेस का 'हाथ' थामेंगे। इन नेताओं के स्वागत के लिए सोमवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी मौजूद रहेंगे। जहां इन नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी।
कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस नेताओं के हौसले बुलंद है। कांग्रेस की कोशिश है कि राजधानी दिल्ली से इन नेताओं की सदस्यता के बाद पूरे तेलंगाना में पार्टी की गूंज सुनाई दे। कांग्रेस लगातार बीआरएस में सेंध लगा रही है। बीआरएस की ओर से इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का कांग्रेस में शामिल होने से तेलंगाना का मुकाबला और भी ज्यादा दिलचस्प हो गया है।
कांग्रेस की रणनीति
बागी नेताओं को अपने पाले में करने बाद नई दिल्ली में पार्टी तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाली है। इस बैठक में अविभाजित खम्मम और महबूबनगर जिलों के प्रमुख नेताओं को बुलाया गया है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में पार्टी को तेलंगाना में मजबूत करने के अलावा बीआरएस और बीजेपी के अन्य बागी बनने वाले नेताओं को शामिल करने की संभावनाओं पर भी चर्चा हो सकती है।
बता दें कि, बीआरएस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते इसी साल अप्रैल में पार्टी ने इन दो नेताओं निलंबित किया था। जानकारी के मुताबिक, कृष्णा राव ने 2011 में बीआरएस में शामिल होने के लिए कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इसे आप घर वापसी के तौर पर भी समझ सकते हैं। जब राज्य का निर्माण हुआ था, तब कृष्णा राव 2014 में वे बीआरएस (तब टीआरएस) के टिकट से महबूबनगर जिले के कोल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। अब फिर से इनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावानाएं तेज है। जिससे कांग्रेस को और ज्यादा मजबूती मिलेगी।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब यात्रा तेलंगाना में पहुंची थी, तब काफी ज्यादा संख्या में लोग यात्रा में चले। इसके बाद केसीआर ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया। ऐसे में केसीआर के लिए इन नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने को बहुत बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
Created On :   25 Jun 2023 11:39 PM IST