कर्नाटक में शानदार जीत के बाद कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा को 2019 दोहराने से रोकना

कर्नाटक में शानदार जीत के बाद कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा को 2019 दोहराने से रोकना
Cong takes charge in K’taka: Siddaramaiah cabinet clears approval for five guarantees, to release order in next cabinet meeting
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करने के बाद अब मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली सरकार 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर अपनी नजरें जमाए हुए है और पार्टी का मकसद भाजपा को 2019 को दोहराने से रोकना है। कांग्रेस ने राज्य में 2019 के लोकसभा चुनावों में 28 में से केवल एक सीट जीती थी और अब पार्टी कम से कम 20 सीटें जीतने का लक्ष्य बना रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात देकर कांग्रेस ने भगवा पार्टी के लिए दक्षिण भारत के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री डॉ शरणप्रकाश पाटिल ने बताया कि पार्टी राज्य की सभी सीटों पर जीत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। लोगों की भावनाएं बदली हैं। कांग्रेस इस बार कम से कम 25 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, दलित समुदाय से 9, लिंगायत 7 और वोक्कालिगा 5 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा ओबीसी और एसटी समुदाय के 7 मंत्रियों ने शपथ ली है। पार्टी ने मुसलमानों को 2 और ईसाई, जैन और ब्राह्मण समुदायों को 1-1 कैबिनेट पद आवंटित किया है।

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा है कि राज्य में चुनाव परिणाम आने के 15 दिनों के भीतर एक पूर्ण सरकार का गठन किया गया है। लोगों ने हमें स्थिर और स्वच्छ शासन प्रदान करने के लिए वोट दिया है और हम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। सीएम सिद्दारमैया ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि एक व्यक्ति की सरकार के संघर्षों से जनता निराश थी और मंत्रिमंडल विस्तार के लिए दिल्ली के चक्कर लगाने वाले एक मुख्यमंत्री की लाचारी लोगों ने देखी थी। उन्होंने आलाकमान के साथ निर्थक बैठकों को बिना किसी परिणाम के देखा था, और आज वे एक निडर, पूर्ण और स्थिर सरकार देख रहे हैं।

कांग्रेस नेता का कहना है कि सिद्धारमैया कार्यकाल के अंत तक 2-3 मंत्री पद खाली रखकर मंत्री पद के दावेदारों को अपने नियंत्रण में रखने के रास्ते से भटक गए हैं और सभी 34 मंत्रीपद भर चुके हैं, जो उनके आत्मविश्वास और ²ढ़ संकल्प को दर्शाता है। कुछ को छोड़कर अधिकांश जिलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दावा किया है कि कांग्रेस सरकार का अहंकार पहले से ही दिख रहा है। कांग्रेस द्वारा अपनाई जा रही नफरत की राजनीति लोकसभा चुनाव तक खत्म हो जाएगी। कैबिनेट मंत्री नफरत और राजनीतिक रंजिश की बात कर रहे हैं। उन्होंने विकास के बजाय नफरत को चुना है।

वहीं पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने भविष्यवाणी की है कि यह सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी। पूर्व सीएम ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कुछ महीनों में नए राजनीतिक घटनाक्रमों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। असामाजिक गतिविधियों में संलिप्तता के मामले में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के चुनाव पूर्व प्रस्ताव के बाद राज्य के लोगों के साथ तालमेल बिठाया गया, कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं। प्रियांक खड़गे के आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के बार-बार बयान देने के बाद सीएम सिद्दारमैया ने यू-टर्न ले लिया।

सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस कर्नाटक में मजबूत नेतृत्व के साथ तैयार है, वहीं भाजपा को एक ऐसा नेता ढूंढना है जो राज्य में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का सामना कर सके। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे राज्य से ताल्लुक रखते हैं और कर्नाटक के धरती पुत्र होने की उनकी अपील ने जनता को प्रभावित किया है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के चुनावी राजनीति से सेवानिवृत्त होने के बाद, भाजपा के पास कोई ऐसे जन नेता नहीं है जो सिद्दारमैया, शिवकुमार और खड़गे के कद के सामने खड़ा हो सके। भारतीय जनता पार्टी को अभी नेता प्रतिपक्ष का चयन करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और हिंदुत्व पर निर्भर रहने की भाजपा की उम्मीद से उसे बहुत नुकसान हुआ है। लोकसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना उसके लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि कांग्रेस आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है।

(आईएएनएस)

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Created On :   28 May 2023 3:29 PM IST

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