विधानसभा में अखिलेश यादव ने उठाए बेरोजगारी पर सवाल, योगी ने किया तंज

विधानसभा में अखिलेश यादव ने उठाए बेरोजगारी पर सवाल, योगी ने किया तंज
अखिलेश यादव ने उठाए बेरोजगारी पर सवाल

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाए और बेरोगारी के मुद्दे पर घेरा। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में बेरोजगारी की दर तो बताते हैं पर रोजगार कितने दिए इस पर कभी बात नहीं करते हैं। जिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में रोजगार का सृजन हो रहा है। भर्ती प्रक्रिया साफ-सुथरे तरीके से संपन्न हो रही है। आज प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से घटकर तीन से चार फीसदी हो गई है।

अन्य सवाल में अखिलेश यादव ने पूछा कि मुख्यमंत्री योगी बताएं कि प्रदेश में 2017 से 2022 तक 15 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की संख्या में कितनी बढ़त हुई है और सरकार आने वाले समय में इन बच्चों के रोजगार के लिए क्या कर रही है? मुख्यमंत्री योगी ने जवाब दिया कि मुझे खुशी है कि समाजवादियों की सोच में इतना तो बदलाव हुआ कि अब वो जनसंख्या की बात कर रहे हैं। जिसे नियंत्रित करने के लिए ही समान कानून लाने की बात की जा रही है। इसी बहाने योगी ने इशारों-इशारों में समान नागरिक संहिता का जिक्र कर दिया।

इससे पहले महंगाई के मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के एक जवाब से सपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। मंगलवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। सत्र के दूसरे दिन नेता सदन योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच शिक्षा और बेरोजगारी को लेकर बहस होती दिखी। सदन में महंगाई के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण के जवाब से अंसतुष्ट होकर वाकआउट किया। विधानसभा में 13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद में हुए दंगे की जांच रिपोर्ट विलंब के कारणों के साथ पटल पर रखी गयी। अगस्त 1980 में हुए इस दंगे में 83 लोग मारे गए थे। इसकी जांच के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया था।

इसके अलावा संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने साइबर क्राइम के सवाल पर कहा कि प्रदेश में साइबर क्राइम को लेकर जहां भी सूचना मिलती है, वहां पर न सिर्फ केस रजिस्टर किया जाता है बल्कि प्रभावी कार्रवाई को भी अंजाम दिया जाता है। विधानसभा में मंगलवार को एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से इसकी पुष्टि की गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एक सवाल के जवाब में विधानसभा में कहा कि साइबर क्राइम के मामलों में हुई कार्रवाई के परिणाम बताते हैं कि हम काम कर रहे हैं। जहां कहीं भी सूचना मिलती है वहां मुकदमे भी दर्ज होते हैं और उस पर कार्रवाई भी होती है।

2022 से मार्च 2023 तक साइबर क्राइम के 13155 केस दर्ज किए गए हैं। इस दौरान 4372 में चार्जशीट दायर हुई है। 4606 में फाइनल रिपोर्ट लगाई जा चुकी है, 45 खारिज हुए, जबकि 7570 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इसमें 89 करोड़ 45 लाख 67 हजार 617 रुपए की रिकवरी भी की गई। ये उदाहरण हैं कि जहां कहीं भी साइबर क्राइम की सूचना मिलती है उसे रजिस्टर करके कार्रवाई की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि जब से प्रदेश में योगी सरकार आई है तब से अपराधों में कमी हुई है। जहां अपराध हुए हैं, वहां सख्त से सख्त सजा दी गई है। कुछ मामलों में ऐसी सजा दी गई है जो उदाहरण प्रस्तुत करती है।

एनसीआरबी का आंकड़ा हो या लोकल आंकड़ा, अपराधों के प्रति सरकार ने जो जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है वो पूरी तरीके से चरितार्थ किया गया है। आज उत्तर प्रदेश एक मॉडल बना है पब्लिक परसेप्शन भी यही है कि कानून व्यवस्था की स्थिति पहले की सरकारों की तुलना में बहुत बेहतर है।

(आईएएनएस)

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Created On :   8 Aug 2023 5:07 PM GMT

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