बिहार विधानसभा चुनाव 2025: अस्थावां से जेडीयू को जिताती है स्थानीयता, राजनीतिक विरासत और नीतीश के प्रति निष्ठा

अस्थावां से जेडीयू को जिताती है स्थानीयता, राजनीतिक विरासत और नीतीश के प्रति निष्ठा
1951 में स्थापित हुई अस्थावां विधानसभा क्षेत्र में अब तक 18 विधानसभा चुनाव हुए है, जिसमें 2001 का उपचुनाव भी शामिल है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू 2001 के बाद से यहां कभी नहीं हारी है समता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने इस सीट पर लगातार छह बार जीत हासिल की है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में अस्थावां विधानसभा सीट नालंदा जिले में आती है। अब तक कांग्रेस ने अस्थावां से चार बार, जनता पार्टी ने दो बार, और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने एक बार जीत दर्ज की है। बीजेपी और आरजेडी आज तक अस्थावां में कोई खास प्रभाव नहीं बना पाई हैं। 2005 से चुनावी राजनीति में सक्रिय जद(यू) के जितेन्द्र कुमार अब तक अस्थावां से पांच बार जीत चुके हैं। उनके पिता अयोध्या प्रसाद ने भी 1972 और 1980 में कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी।

स्थानीयता, राजनीतिक विरासत और नीतीश के प्रति निष्ठा-अस्थावां से जेडीयू को जिताती है। जेडीयू की यहां मजबूत पकड़ है। जेडीयू की एकतरफा जीतों ने अस्थावां को एक मजबूत गढ़ बना दिया है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता वोट परसेंट आज भी इसके चलते मतदान प्रतिशत 50% से नीचे बना हुआ है। जेडीयू की कम सक्रियता और बढ़े हुए वोट परसेंट से आरजेडी का रास्ता खुल सकता है।

1951 में स्थापित हुई अस्थावां विधानसभा क्षेत्र में अब तक 18 विधानसभा चुनाव हुए है, जिसमें 2001 का उपचुनाव भी शामिल है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू 2001 के बाद से यहां कभी नहीं हारी है समता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने इस सीट पर लगातार छह बार जीत हासिल की है।

1985 से 2000 तक लगातार चार बार और कुल पांच बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने विधानसभा चुनाव जीता है, जैसे ही नीतीश कुमार 2000 में पहली बार सीएम बने, अस्थावां का समर्थन स्थायी और टिकाऊ रूप से उनके साथ हो गया।

फल्गु नदी से अस्थावां की भूमि अधिक उपजाऊ है। कृषि यहां की मुख्य आजीविका है। नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) की नजदीकी का प्रभाव अस्थावां की संस्कृति और जीवनशैली पर साफ नजर आता है। अस्थावां पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें कोई शहरी वोटर्स नहीं हैं। अस्थावां में 25.19 प्रतिशत अनुसूचित जाति 5.1 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।


Created On :   22 Oct 2025 2:50 PM IST

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