बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बौद्ध विरासत की अमूल्य धरोहर कहलगांव, फिर से पुनर्जीवित करने की कोशिश में सरकार

बौद्ध विरासत की अमूल्य धरोहर कहलगांव, फिर से पुनर्जीवित करने की कोशिश में सरकार
कहलगांव बौद्ध शिक्षा का एक प्रमुख सेंटर था। आज इसके खंडहर भारतीय विरासत की अमूल्य धरोहर हैं। जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा के बाद इसे पुनर्जीवित किया जा रहा हैं। पर्यटन और कृषि स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में कहलगांव विधानसभा सीट भागलपुर जिले में आती है। 1951 में स्थापित कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में 11 बार कांग्रेस ,दो बार जनता दल जबकि सीपीआई, एक निर्दलीय, जद(यू), और बीजेपी ने एक-एक बार जीत हासिल की है। 2020 में बीजेपी की जीत हुई। यहां करीब 12 फीसदी एससी, 2 फीसदी एसटी और 18 फीसदी मुस्लिम वोटर्स है। कहलगांव मुख्य रूप से ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है, जबकि यहां केवल 6.95% वोटर्स शहरी हैं।

कहलगांव बौद्ध शिक्षा का एक प्रमुख सेंटर था। आज इसके खंडहर भारतीय विरासत की अमूल्य धरोहर हैं। जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा के बाद इसे पुनर्जीवित किया जा रहा हैं। पर्यटन और कृषि स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   1 Nov 2025 1:49 PM IST

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