भारी बवाल के बीच कर्नाटक में मंत्रिमंडल का गठन, सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के इतने समर्थकों को मिली जगह, दलबदलुओं को नहीं मिला मौका

भारी बवाल के बीच कर्नाटक में मंत्रिमंडल का गठन, सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के इतने  समर्थकों को मिली जगह, दलबदलुओं को नहीं मिला मौका
  • कैबिनेट विस्तार के दौरान हुआ हंगामा
  • 'कर्नाटक मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्रीय नेताओं को मिली जगह'
  • किसे कितना नुकसान?
  • तीन दिनों की लंबी बहस के बाद मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम का फैसला होने के बाद शनिवार को कैबिनेट का भी विस्तार हो गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को वित्त मंत्रालय मिला है। इसका मतलब है कि सिद्धारमैया अब राज्य की वित्तीय स्थिति का भी देखाभाल करेंगे। वहीं डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को मेजर एंड मीडियम सिंचाई और बेंगलुरु सिटी डेवलपमेंट विभाग मिला है। वहीं कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल बने हैं। साथ ही दिनेश गुंडू राव अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की जिम्मेदारी संभालते हुए नजर आएंगे। इन सभी के अलावा कृष्ण बेयरे गौड़ा के पास राजस्व विभाग होगा।

पहले से अटकलों में रहे राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और चित्तपुर के विधायक प्रियांक खड़गे को आज ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग मिल गया है। शनिवार को कर्नाटक कांग्रेस सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। जिसमें 24 और मंत्रियों को शामिल किया गया। इसी के साथ राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद मंत्रिमंडल के सभी 34 मंत्री पदों को भर दिया गया है। यह सभी प्रक्रिया राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद एक हफ्ते के भीतर हुआ है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने आज इन मंत्रियों को पद व गोपनीयता की भी शपथ दिलाई।

कैबिनेट में इन नेताओं को किया गया शामिल

आज जिन नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उनमें एच के पाटिल, कृष्णा बायरेगौड़ा, एन चेलुवरायस्वामी, के वेंकटेश, एच सी महादेवप्पा, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंडरे, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव, एन राजन्ना, संतोष लाड, मधु बंगारप्पा, एम सी सुधाकर, शरणबसप्पा दर्शनपुर, एन एस बोसराजू, सूरेश बी एस, शिवानंद पाटिल, मंकल वैद्य, लक्ष्मी हेब्बलकर, रहीम खान, डी सुधाकर और बी नागेंद्र शामिल हैं। इन सभी के अलावा इस बार के मंत्रिमंडल में चार बार विधायक और मंत्री रहे एम कृष्णप्पा को शामिल नहीं किया गया है। ये पिछली बार सिद्धारमैया सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा थे।

आज कृष्णप्पा समेत जिन विधायकों को मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनाया गया। उनके सर्मथकों ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खूब शोर-शराबा किया। उन्होंने नारेबाजी भी की। सर्मथकों की मांग थी कि उनके नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए। वे पोस्टर के जरिए भी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और नेतागण कैबिनेट के लिए चुन लिए गए।

डीके को मंत्रिमंडल विस्तार मिली सफलता

कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीके शिवकुमार के करीबी रहे नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। डीके शिवकुमार की तरफ से जिन नेताओं को जगह मिली है, उनके नाम लक्ष्मी हेब्बलकर, मधु बंगारप्पा, डी सुधाकर, चेलुवरायस्वामी, मंकल वैद्य और एम सी सुधाकर हैं। ये सभी नेता डीके शिवकुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस के आधिकारिक बयान में प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार ने सीनियर और जूनियर नेताओं को मंत्रिमंडल में उचित सम्मान देने का काम किया है। साथ ही सीएम ने कहा कि जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को भी ध्यान रखकर मंत्रिमंडल में नेताओं को शामिल किया है। जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों तक मंत्रीमंडल को लेकर सीएम सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार के बीच राजधानी बेंगलुरु में चर्चा हुई है। के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला समेत प्रदेश के अन्य दिग्गज नेता भी इस दौरान मौजूद रहे। इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। सिद्दारमैया और शिवकुमार के अलावा आठ और मंत्री जी. परमेश्वर, के.एच. मुनियप्पा, के.जे. जॉर्ज, एम.बी. पाटिल, सतीश जरकिहोली, प्रियांक खड़गे, रामालिम्गा रेड्डी और बी.जेड. जमीर अहमद खान ने पिछले शनिवार को बेंगलुरु में शपथ ली थी।

मुख्यमंत्री ने कही ये बातें

मीडिया न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक न्याय की दृष्टि से निर्णय लिया है (मंत्रीपरिषद पर)। हमने हाई कमांड के साथ इस पर गहन चर्चा करने के बाद ही मंत्रीपरिषद तय किया है। हम अगली कैबिनेट बैठक पर अपने किए वादों पर फैसला लेंगे। अगली कैबिनेट बैठक जून में होने की संभावना है।

Created On :   27 May 2023 2:12 PM GMT

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