बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस और राजो परिवार की पकड़ ढीली होते ही शेखपुरा में जेडीयू और आरजेडी को जीत मिलना शुरु हुई

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में शेखपुरा विधानसभा सीट शेखपुरा जिले में आती है। 1951 में गठित शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र में दो उपचुनाव समेत अब तक 19 चुनाव हो चुके हैं।12 बार जीत दर्ज कर चुकी कांग्रेस के लिए यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से गढ़ है। 1967, 1969 और 1972 में यह सीट सीपीआई के कब्जे में रही, जिसने लगातार तीन बार जीत दर्ज की। इसके अलावा जनता दल (यू) दो बार, एक बार एक निर्दलीय और एक बार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी जीत हासिल की, 19.2% अनुसूचित जाति, 8.5% मुस्लिम मतदाता हैं। यह क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण है, केवल 18.45% मतदाता शहरी हैं।
शेखपुरा को विकास करने के मकसद से जुलाई 1994 में मुंगेर से अलग कर एक नया जिला बनाया गया था। फिर भी शेखपुरा की गिनती आज भी भारत के 250 सबसे पिछड़े और गरीब जिलों में गिना जाता है। जनसंख्या के हिसाब से शेखपुरा बिहार का सबसे छोटा जिला है।
शेखपुरा विधानसभा सीट पर राजो सिंह के परिवार पर तीन दशक से अधिक समय तक कब्जा रहा है, उन्होंने खुद पांच बार, उनके बेटे संजय सिंह और पुत्रवधू सुनीला देवी ने दो-दो बार जीत दर्ज की। राजो परिवार के जीतने का सिलसिला 2010 में समाप्त हुआ जब सुनीला देवी चुनाव हार गईं, जिससे कांग्रेस और उनके परिवार की पकड़ ढीली पड़ गई। 2010 और 2015 में जेडीयू और 2020 में आरजेडी ने जीत दर्ज की। 2020 में एलजेपी के एनडीए के गठबंधन से दूर होने से जेडीयू को हार मिली। इस बार ये मतदाता ही चुनाव की दिशा तय कर सकते है, क्योंकि इस बार एलजेपी एनडीए के साथ है।
शिक्षा,स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई की बेसिक सुविधाओं की कमी है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के चलते हजारों की तादाद में लोग पलायन कर जाते है। पलायन यहां की सबसे बड़ी समस्या है। क्षेत्र को हर साल मौसमी मार झेलनी पड़ती है।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   5 Nov 2025 3:06 PM IST












