बिहार विधानसभा चुनाव 2025: रजौली में बुनी जाती है इतिहास, धर्म और राजनीति की एक अनोखी कहानी

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में रजौली विधानसभा सीट नवादा जिले में आती है। 1951 में स्थापित रजौली विधानसभा सीट से कभी किसी पार्टी को लगातार समर्थन नहीं दिया। अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित रजौली सीट से अब तक 17 विधानसभा चुनाव हुए। कांग्रेस ने पहले पांच में से चार बार जीत दर्ज की, लेकिन 1969 में भारतीय जनसंघ (बाद में बीजेपी)ने कांग्रेस की जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगा दिया।
बीजेपी ने कुल चार बार जीत दर्ज की, जिसमें जनसंघ की 1972 की जीत भी शामिल है। आरजेडी ने चार बार , निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो बार और जनता पार्टी तथा जनता दल ने एक-एक बार जीत दर्ज की। आरजेडी ने 2000 और 2005 में जबकि 2005 के उपचुनाव और 2010 में बीजेपी विजयी रही। आरजेडी ने 2015 और 2020 में फिर वापसी की।
रजौली में SC समुदाय के मतदाता 30.23% हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 10.3% हैं। एससी व मुस्लिम मतदाताओं के एक साथ आने का फायदा आरजेडी को मिलता है। रजौली की 93% आबादी ग्रामीण है, शिक्षा,स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई की बेसिक सुविधाओं की कमी है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के चलते हजारों कीतादाद में लोग पलायन कर जाते है। पलायन यहां की सबसे बड़ी समस्या है। क्षेत्र को हर साल मौसमी मार झेलनी पड़ती है।
यह इलाका सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टि से एक अनूठा क्षेत्र है। जहां इतिहास, धर्म और राजनीति की एक अनोखी कहानी बुनी जाती है। रजौली एक बार फिर सियासी हलचल का केंद्र बनने जा रहा है। प्राकृतिक दृष्टि से रजौली कभी मानसूनी और घास के मैदानों वाले जंगलों से घिरा था, जिनमें विविध वन्यजीव निवास करते थे, समय के साथ ये जंगल समाप्त हो गए।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   5 Nov 2025 3:19 PM IST












