राजस्थान का किला फतह करने के लिए कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति, 'पंजे' की किस 'दुखती नस' पर पीएम मोदी ने रखा हाथ?

राजस्थान का किला फतह करने के लिए कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति, पंजे की किस दुखती नस पर पीएम मोदी ने रखा हाथ?
  • कांग्रेस पार्टी का हल्ला बोल
  • बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने
  • पीएम मोदी ने साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, दोनों ही चुनावी मूड में नजर आ रही हैं। भाजपा जहां राजस्थान का किला फतह करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास जता रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता को लोकलुभावन योजना से साधने की रणनीति बना कर, जीत हासिल करने के प्लान में है। बीते दिन यानी 31 मई को पीएम मोदी राजस्थान के अजमेर शहर के दौरे पर थे। जहां पर उन्होंने आगामी चुनाव को देखते हुए एक जनसभा को संबोधित किया और मौजूदा सरकार पर जमकर हमला बोला था।

इस साल के अन्त में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने एक रणनीति बनाई हुई है ताकि वोटर्स को चुनाव से ठीक पहले अपने पाले में लाया जा सके। बीते दिन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने घोषणा की कि, एक जून से प्रदेश वासियों को 100 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी, इसके अलावा 100 से 200 यूनिट बिजली के इस्तेमाल पर स्थायी शुल्क लिए जाएंगे। गहलोत ने बताया कि इस फैसले से प्रदेश की 1.10 करोड़ से अधिक जनता को फायदा मिलेगा।

पीएम मोदी ने गहलोत-पायलट पर साधा निशाना

अजमेर दौरे पर गए पीएम मोदी ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि, प्रदेश की गहलोत सरकार के वादें राज्य और देश की सरकारों को दिवालिया करने जैसे हैं। पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में गहलोत-पायलट विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि, यहां के सीएम और विधायक आपस में लड़ते रहते हैं इन्हें जनता ने मैंडिडेट दिया सेवा करने के लिए लेकिन आपस में ही नेता लड़ते रहते हैं।

सारे गिले- शिकवे दूर?

दरअसल, सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट में करीब साढे़ तीन साल से जंग छिड़ी हुई है। दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। जिसका जिक्र पीएम मोदी ने भी करके कांग्रेस पार्टी के दुखती नस पर हाथ रख दिया है। बता दें कि, हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सारे गिले- शिकवे दूर करने के लिए दिल्ली में अहम बैठक बुलाई थी। जिसमें गहलोत-पायलट दोनों ही मौजूद रहे। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में हुआ था। जहां इन चारों नेताओं के बीच करीब चार घंटे तक बातचीत हुई थी।

गहलोत पायलट से खुश नहीं

लंबे बैठक के बाद कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल गहलोत-पायलट के साथ मीडिया के सामने आकर कहा था कि, दोनों नेताओं में सबकुछ सामान्य है और इस साल के अन्त में होने वाले राजस्थान चुनाव में दोनों नेता साथ ही में चुनाव लड़गे और कांग्रेस पार्टी इनके नेतृत्व में चुनाव जीत कर एक बार फिर सरकार बनाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में अशोक गहलोत काफी चिंतित दिखाई दिए। जिसका कारण रहा पार्टी आलाकमान उन्हें प्रदेश में को बड़ी जिम्मेदारी न सौंप दें। गहलोत बैठक में प्रयास करते रहे कि सचिन को इस चुनाव से दूर ही रखा जाए।

बीजेपी में भी गुटबाजी

खबरों के मुताबिक, सचिन पायलट को जल्द ही हाईकमान प्रदेश की बागडोर संभालने का मौका दे सकता है ताकि पिछली बार की तरह इस बार भी राजस्थान का किला कांग्रेस फतह कर सके। हालांकि, पीएम मोदी का राजस्थान कांग्रेस में कलह का जिक्र करना कांग्रेस पार्टी को कुछ खास पंसद नहीं आया होगा। वहीं पीएम के इस बयान पर सियासत के जानकर कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो कांग्रेस की दुखती नस पर हाथ रख दिया लेकिन उनकी पार्टी में भी कम गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस पार्टी भी राजस्थान बीजेपी में चल रही गुटबाजी को उजागर करने में दिलचस्पी जरूर दिखाएगी।

Created On :   1 Jun 2023 3:26 AM GMT

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