आरोप-बयानबाजी और खत: कांग्रेस ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र और हरियाणा की वोटर लिस्ट की डिजिटल और मशीन-रीडेबल कॉपी की मांग की

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र और हरियाणा की वोटर लिस्ट की डिजिटल और मशीन-रीडेबल कॉपी की मांग की
  • कांग्रेस ने पत्र में कहा ये मांग कोई नई नहीं
  • निर्वाचन आयोग से मिलने को तैयार कांग्रेस
  • कुछ दिन पहले विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर उठाए थे सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक बार फिर ईसी को खत लिखकर महाराष्ट्र के चुनावी आरोपों को हवा दी है। कांग्रेस ने अपने लेटर में चुनाव आयोग से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित मतदाता सूची और वोटिंग डे की वीडियो फुटेज साझा करने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने यह पत्र विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से उठाए गए मुद्दों को लेकर भेजा गया है।

कांग्रेस ने अपने पत्र में साफ तौर पर महाराष्ट्र और हरियाणा की मतदाता सूची की डिजिटल और मशीन-रीडेबल कॉपी की मांग की है। कांग्रेस ने इसे लेकर ईसी से एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है। पत्र में इसके अलावा, वोटिंग वाले दिन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी शेयर करने को कहा है। यहीं नहीं चुनाव आयोग को घेरते हुए कांग्रेस ने इसे अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग बताया है, और कहा है कि निर्वाचन आयोग के लिए इसे पूरा करना कोई कठिन काम नहीं है। कांग्रेस लंबे समय से ये मांग कर रही है। चिट्ठी में लिखा गया है कि यह ईसी के लिए एक आसान प्रक्रिया होनी चाहिए, जिससे न सिर्फ राजनीतिक पार्टियों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि जनता में भी चुनावी प्रक्रिया को लेकर भरोसा कायम रहेगा।

खत के आगे कांग्रेस ने कहा यदि चुनाव आयोग उनकी इन मांगों को पूरी करता है तो पार्टी का आलाकमान चुनाव आयोग से मिलने को तैयार है। इस बैठक में कांग्रेस अपनी तरफ से किए गए विश्लेषण और सबूत आयोग के सामने रखेगी, ताकि पूरी प्रक्रिया पर ओपन चर्चा हो सके। कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी के पास ऐसे आंकड़े और विश्लेषण हैं, जो चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताओं को उजागर कर सकते हैं।

आपको बता दें कि हाल ही में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए चुनावों को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए थे। खासतौर पर कांग्रेस ने महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेराफेरी, मतदान प्रोसेस में पारदर्शिता की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के आरोप लगाए। अब पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इन सवालों को लेकर चुनाव आयोग से बातचीत का रास्ता खोला है।

Created On :   26 Jun 2025 2:21 PM IST

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