कर्नाटक: कांग्रेस सरकार के भीतर लीडरशिप में बदलाव और पावर-शेयरिंग की चर्चाएं तेज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में डिप्टी सीएम व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थक विधायकों का गुट पार्टी आलाकमान पर सरकार बदलाव का दबाव डाल रहा हैं। आपको बता दें कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार का नेतृत्व सीएम के तौर पर सिद्धारमैया कर रहे है। उन्हें ढाई साल पूरे होने वाले है। अब सरकार का आधा कार्यकाल बीत जाने के बाद राज्य में बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस के भीतर की लड़ाई आए दिन और गहरी होती जा रही है। आज तबीयत खराब होने का हवाले देते हुए डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए है। जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लीडरशिप में बदलाव पर होने वाली चर्चा और खबरों को गैर-जरूरी बताया है, वह एक मीटिंग कर रहे हैं।
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लीडरशिप में बदलाव और पावर-शेयरिंग की चर्चाओं के बीच, कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार के छोटे भाई, कांग्रेस के पूर्व सांसद डीके सुरेश ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जिम्मेदार हैं, और वह अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे। सुरेश के इस बयान की टाइमिंग इसलिए अहम हो गई है क्योंकि कांग्रेस की सरकार गुरुवार को अपने ढाई साल पूरे कर रही है। उनका ये बयान सिद्धारमैया को याद दिलाने के तौर पर देखा जा रहा है कि वह शिवकुमार के लिए सीएम का पद खाली कर दें, क्योंकि 2023 में चुनाव जीतने के तुरंत बाद दोनों के बीच पावर-शेयरिंग पर सहमति बनी थी।
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खबरों से मिली जानकारी के शिवकुमार गुट के दिल्ली में मौजूद विधायकों और मंत्रियों के गुट में शामिल होने और उन्हें अधिक मजबूती देने के लिए उनके और विधायक और मंत्री दिल्ली जा रहे है, ये सभी डीके शिवकुमार के लिए सीएम पद की मांग कर रहे है । दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शुक्रवार को एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए बेंगलुरु पहुंच रहे हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के भीतर उपजे इस संकट से निपटने के लिए वे बेंगलुरु में ही ठहर सकते हैं।
कांग्रेस विधायक और कर्नाटक स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष , शरत बचेगौड़ा गुरुवार देर रात बेंगलुरु से दिल्ली के लिए रवाना हुए। इससे पहले गुरुवार दोपहर शिवकुमार समर्थक विधायक दो अलग-अलग प्लेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि मंत्री एन चेलुवरायस्वामी की अगुवाई में, इस समूह में विधायक के रंगनाथ, एसआर श्रीनिवास, गनीगा रवि, कडालुरु उदय, इकबाल हुसैन, राजेगौड़ा, शिवन्ना, महेंद्र तम्मनवर, शुगर मिनिस्टर शिवानंद पाटिल, एमएलसी एस रवि और दिनेश गूलीगौड़ा शामिल थे। हालांकि इन विधायकों की कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से मुलाकात नहीं हो पाई।
शिवकुमार समर्थक विधायकों के समूह ने अब शुक्रवार को एआईसीसी जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल से मिलने का समय मांगा है। बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया कैंप ने 28 नवंबर को दिल्ली में ताकत दिखाने का प्लान बनाया था। यह पता चलने के बाद, शिवकुमार समर्थक ने पहले ही कदम उठा लिया।
Created On :   21 Nov 2025 10:00 AM IST












