Dadri Lynching Case: 'कानून-व्यवस्था के ढोल पीटने वाली सरकार...' दादरी मॉब लिचिंग मामले में ओवैसी ने योगी सरकार को घेरा

कानून-व्यवस्था के ढोल पीटने वाली सरकार... दादरी मॉब लिचिंग मामले में ओवैसी ने योगी सरकार को घेरा
दादरी मॉब लिंचिंग केस को सरकार ने वापस ले का फैसला लिया है। इस पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की है।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दादरी मॉब लिंचिंग केस को सरकार ने वापस ले का फैसला लिया है। इस पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की है। उन्होंने सरकार की इस कार्रवाई को न्याय की प्रक्रिया को राजनीतिक लाभ पहुंचाना बताया है, जिससे लोकतंत्र की नीव कमजोर पड़ रही है। बता दें कि दादरी के रहने वाले मोहम्मद अखलाक की लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अब इस मामले में आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

क्या बोले ओवैसी?

AIMIM चीफ ने यूपी सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "कानून-व्यवस्था के ढोल पीटने वाली सरकार का यह कदम उसके असली चेहरे को दर्शाता है, जो हमेशा दोषियों और मुजरिमों के साथ खड़ा नजर आता है।" उन्होंने आगे कहा, "न्याय की प्रक्रिया को राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित करना, लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है। यह फैसला न केवल एक पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है, बल्कि यह देश के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने पर गहरी चोट है, जो आने वाले समय में गंभीर परिणाम दे सकता है।"

अब लिंचिंग हुई आम

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, "2015 में दादरी में अख़लाक़ पर गौ-मांस का झूठा इल्ज़ाम लगाकर लिंच कर दिया गया था। तब भारतीयों को लिंचिंग का मतलब भी नहीं पता था। आज लिंचिंग आम बात हो गई है। अखलाक के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आँखों से देखी थी, वे आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाए। दस साल में किसी को सज़ा नहीं हुई। अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि अखलाक के कातिलों के खिलाफ केस वापस ले लिया जाएगा। सरकार के अनुसार यह फैसला 'सामाजिक सद्भाव' के हित में है। नाइंसाफी की बुनियाद पर सद्भाव नामुमकिन है। योगी बाबा कानून-व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, पर भाजपा का असली चेहरा यही है कि वह हमेशा मुजरिमों के साथ खड़ी नज़र आएगी।"

क्या है दादरी की लिंचिंग घटना?

दादरी में दस साल पहले साल 2015 में झूठी गौ-मांस की खबर फैल गई थी। इसके बाद कई लोग आक्रोशित हो गए और मोहम्मद अखलाक के घर पहुंच गए थे। उन पर कुछ लोगों ने अपने घर पर गौ-मांस रखने के आरोप लगाए थे। इसी मामले में भीड़ ने उनको मार-मार की अधमरा कर दिया था। इसके कुछ दे बाद उसे उपचार के लिए अस्पलात पहुंचाया तो वहां पर उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। यह घटना उसके पूरे परिवार के सामने हुई थी। जब जनता अखलाक को पीट रही थी तो बचाने के लिए उसका बेटा आया तो लोगों ने उसकी भी पिटाई कर दी। हालांकि बेटे को मामुली खरोचें आई थीं।

Created On :   20 Nov 2025 7:40 PM IST

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