कैंब्रिज में बोलीं दिल्ली की शिक्षा मंत्री: भारत पर अभी भी विकासशील देश का ठप्पा

कैंब्रिज में बोलीं दिल्ली की शिक्षा मंत्री: भारत पर अभी भी विकासशील देश का ठप्पा
New Delhi: Delhi Minister Atishi Marlena addresses a press conference in New Delhi on Friday, May 26, 2023. (Photo: IANS/Wasim Sarvar)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कैम्ब्रिज जज बिजनेस स्कूल द्वारा आयोजित कैम्ब्रिज इंडिया कॉन्फ्रेंस में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने अपने मॉडल ऑफ एजुकेशन की चर्चा की। एजुकेशन-बिल्डिंग इंडियाज फ्यूचर ऐट 100 विषय पर बतौर वक्ता अपनी बातें रखते हुए उन्होंने दिल्ली के शिक्षा मॉडल की कहानियां साझा की। आतिशी ने बताया कि 25 साल पहले जब वह स्कूल में थीं, तब पढ़ाया जाता था कि भारत एक विकासशील देश है। उस समय कहा गया था कि भारत 2020 तक एक विकसित देश बन जाएगा। लेकिन 2020 के बीत जाने के बाद भी भारत पर अभी भी एक विकासशील देश का ठप्पा लगा हुआ है।

उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल में देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार गुड गवर्नेस के आधार पर राजनीति की जा रही है और देश भर में शिक्षा और स्वास्थ्य राजनीति का मुख्य एजेंडा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह वास्तव में चिंताजनक है कि हमें ऐसी राजनीति पर चर्चा के लिए आजादी के बाद 75 साल लगे जो ये बुनियादी सुविधाएं प्रदान करती है। सरकारों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने में इतने साल लग गए हैं। पिछले 75 वर्षों में देश में एक भी राजनीतिक दल ऐसा नहीं रहा है जिसने देश की शिक्षा प्रणाली को बदलने और हर बच्चे को उसके बैकग्राउंड की परवाह किए बिना क्वॉलिटी एजुकेशन देने का काम किया हो।

उन्होंने कहा कि अक्सर यह बताया जाता है कि भारत की जीडीपी 3.5 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है और यह सबसे तेजी से बढ़ती जी20 अर्थव्यवस्था है, लेकिन वास्तविकता गंभीर है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। देश की स्थिति का एक प्रमुख संकेतक मानव विकास सूचकांक है, जहां भारत 191 देशों में से 132वें स्थान पर है। भारत तुलना में कई छोटे देश जैसे कि भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका इस सूचकांक में उच्च रैंक रखते हैं। कहा जाता है कि भारत में बढ़ते अरबपतियों की संख्या सबसे अधिक है, और यह संख्या 2020 में 102 से बढ़कर 2022 में 166 हो गई है। हालांकि, इस अवधि के दौरान एक और आंकड़ा देश में भूखे लोगों की संख्या का है, जो 19 करोड़ से बढ़कर 35 करोड़ हो गया है। यह चिंताजनक है क्योंकि भारत दुनिया में भोजन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके बावजूद यहां कुपोषण या भुखमरी के शिकार सबसे अधिक लोग हैं। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, एक ओर जहां एक आगे बढ़ते और चमकदार भारत की कहानी है, वहीं वास्तविकता यह भी है कि 140 करोड़ की आबादी वाले इस देश में लोगों तक शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण या रोजगार तक पहुंच नहीं है।

(आईएएनएस)

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Created On :   17 Jun 2023 10:49 PM IST

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