पहलवानों के मामले में अचानक एक्टिव हुई सरकार, खिलाड़ियों की परवाह या चुनाव से पहले जाट वोटों की चिंता!

पहलवानों के मामले में अचानक एक्टिव हुई सरकार, खिलाड़ियों की परवाह या चुनाव से पहले जाट वोटों की चिंता!
  • 5 घंटे से जारी बैठक हुई खत्म
  • मांग पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा: पुनिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलवानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच जारी बैठक खत्म हो चुकी है। यह मीटिंग अनुराग ठाकुर के घर में 5 घंटे तक चली। बैठक के बाद बजरंग पुनिया ने मीडिया से कहा कि 15 जून तक हम इंतजार करेंगे। यदि कोई कार्रवाई नहीं होती है तो हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने मांग की है कि खिलाड़ियों पर लगे केस को वापस लिया जाना चाहिए। बजरंग पुनिया ने कहा कि सरकार से कुछ बिंदुओं पर बात हुई है। ये बातें पहले ही हो जानी चाहिए थी। फिलहाल सरकार पुलिस प्रक्रिया खत्म होने का इंतजार कर रही है। बता दें कि कल अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया था। उन्होंने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की थी। अपने ट्वीट में खेल मंत्री ने कहा था कि, 'सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर बातचीत करने की इच्छुक है। मैंने उन्हें एक बार फिर बातचीत के लिए बुलाया है।' उनके इस बुलावे पर अब उनसे बैठक करने पहुंचे हैं।

जाट समुदाय के प्रभाव से डरी बीजेपी !

शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह और आज यानी बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से बात की। सरकार पिछले एक सप्ताह से इस मसले का हल निकालने में जुटी हुई है। इस मामले में भाजपा सूत्रों ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहलवानों के मसले का हल निकालने के प्रयास को इसलिए भी तेज कर दिया हैं क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव है। सरकार को यह डर है कि पहलवानों के प्रदर्शन से तीन राज्यों के जाट मतदाताओं में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी बढ़ जाए। साथ ही भाजपा जनता को भी यह भी संदेश देना चाहती है कि वह किसी भी मसले को सुलझाने में सक्षम है।

प्रदर्शन कर रहे पहलवान जाट समुदाय से आते हैं। इन सब के अलावा बिरादरी के नेताओं का भी समर्थन पहलवानों के साथ है। इसिलए भी भाजपा जाट समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती है। बीजेपी पिछले कई सालों से जाट वोटर को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। जाट वोटरों का प्रभाव राजस्थान, हरियाणा, यूपी और दिल्ली के हिस्सों में है। पार्टी नेताओं का कहना है कि जाट समुदाय के लोग 40 लोकसभा सीटों के समीकरणों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। एक नेता ने बताया कि साल 2016 में हुए जाट आंदोलन के बाद से ही बीजेपी इस समुदाय को लेकर सर्तक रहती है।

भाजपा नेता ने बताया कि साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में बेहतर प्रदर्शन किया था। ऐसे में बीजेपी को यह भी चिंता सता रही है कि कहीं आंदोलन से जाट वोटरों में पार्टी की छवि गलत न बन जाए। बीजेपी नेता ने कहा कि हमने 2022 में महिला सुरक्षा को बल दिया था और यह मसला भी बेटियों से जुड़ा हुआ है। अगर बृजभूषण सिंह के खिलाफ यह जंग जोर पकड़ती है तो इससे बेटियों की उपेक्षा का संदेश जनता में जाएगा। बीजेपी के दो बड़े नेताओं के साथ मुलाकात के बाद पहलवान थोड़े नरम पड़े हैं। तीनों पहलवानों ने अब अपने रेलवे की नौकरी दोबारा शुरू कर दी है।

प्रदर्शन जारी रहेगा- पुनिया

मीटिंग के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने मीडिया से कहा कि सरकार ने पुलिस की कार्रवाई 15 जून तक पूरी करने की बात कही है। प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे महिला, पुरुष खिलाडियों की सुरक्षा की भी बात कही है और 28 मई की रात को हम पर जितने भी मामले दर्ज़ हुए हैं वह वापस लेने की भी बात कही है। हमारा प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा।

5 घंटे से जारी थी मीटिंग

पहलवान बजरंग पूनिया केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर उनके घर से निकले।

पहलवानों ने रखी 4 मांगे

पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलकर उनके सामने पहलवानों की चार मांगें रखी हैं, जिनमें एक महिला डब्ल्यूएफआई प्रमुख की नियुक्ति और उनके खिलाफ पुलिस प्राथमिकी को रद्द करना शामिल है। जानकारी के मुताबिक कहा, अपनी मांगो में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और एक महिला प्रमुख की नियुक्ति की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने बृजभूषण सिंह या उनके परिवार के किसी भी सदस्य के महासंघ का हिस्सा न होने और बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की।

बता दें कि इससे पहले 3 जून को पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और अपने मुद्दे उनके सामने रखे थे। जानकारी के मुताबिक यह बैठक बेनतीजा रही थी जिसके बाद सरकार की ओर से एक बार फिर पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया गया है।

बृजभूषण की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

वहीं खेलमंत्री से मीटिंग के पहले पहलवान साक्षी मलिक ने मीडिया से कहा कि, 'हमारी मुख्य मांग बृजभूषण की गिरफ्तारी है। हम देखेंगे कि सरकार हमें क्या प्रस्ताव देगी। अगर हमें उनका प्रस्ताव पसंद आता है तो हम खाप नेताओं से सलाह-मशवरा करेंगे। हम सरकार के किसी भी प्रस्ताव को नहीं मानेंगे।'

ये मांग रख सकते हैं पहलवान

जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारी पहलवान अनुराग ठाकुर के सामने बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी, कुश्ती संघ की प्रमुख एक महिला को बनाने, कुश्ती संघ के चुनाव निष्पक्ष कराने और देश में कुश्ती का खेल साफ सुथरा होने की मांग रख सकते हैं।

Created On :   7 Jun 2023 7:21 PM IST

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