M Chinnaswamy Stadium stampede case: हजार पुलिसकर्मियों के भरोसे थी ढाई लाख लोगों की सुरक्षा, कानूनी दलील में खुली कर्नाटक के डिप्टी सीएम की पोल

- हजार पुलिसकर्मियों के भरोसे थी ढाई लाख लोगों की सुरक्षा
- कानूनी दलील में खुली कर्नाटक के डिप्टी सीएम की पोल
- इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए थे- याचिकाकर्ता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईपीएल टीम आरसीबी की जीत के बाद बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को जश्न मनाया जा रहा था। इस दौरान वहां भगदड़ मची, जिसके चलते 11 लोगों को मौत हो गई और करीब 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पूरे मामला को लेकर गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि, घटना को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया था।
राज्य सरकार के वकील ने कहा कि पुलिस ने अपनी तरफ से शहर में पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन अचानक स्टेडियम के बाहर करीब ढाई लाख लोग पहुंच गए। सरकार के वकील ने सुनवाई कहा- स्टेडियम की क्षमता 30 हजार से 35 हजार लोगों की थी, जबकि स्टेडियम के बाहर ढाई लाख लोग मौजूद थे और स्टेडियम में एंट्री फ्री थी। इस घटना के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और 15 दिनों में रिपोर्ट सामने आ जाएगी। जिन 11 लोगों की मौत हुई है, वह सभी स्टेडियम के बाहर हुई है। तीन गेट के सामने बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो गई थी। जिसके चलते भी यह हादसा हुआ।
दूसरे वकील जिन्होंने आज की याचिका दायर की है, उन्होंने सरकार के वकील से कई सवाल पूछे...
- खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसका था, राज्य सरकार का या फिर क्रिकेट एसोसिएशन का?
- ऐसे खिलाड़ी जो देश या राज्य के लिए नहीं खेले क्या उनको सम्मानित करना जरूरी था?
- आखिर कार्यक्रम विधानसभा और चिन्नास्वामी स्टेडियम में दो जगह क्यों किया गया?
- इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए थे?
कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि स्टेडियम और उसके आसपास कानून और ट्रैफिक व्यवस्था की देखरेख के लिए 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। इससे एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दावा किया था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 5,000 पुलिसकर्मी मौजूद थे। हालांकि, अब पूरे मामले की जांच की जा रही है और राज्य सरकार की सुरक्षा इंतजाम को लेकर फजीहत हो रही है। अब मामले की अगली सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में 10 जून को होगी।
Created On :   5 Jun 2025 6:19 PM IST