पांच राज्यों को ध्यान में रख कर होगा मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार! मध्यप्रदेश और राजस्थान के इन चेहरों को मिल सकती है जगह!
- मोदी सरकार एक तीर से दो निशाना साधने का काम कर रही है।
- राजस्थान,एमपी और छत्तीसगढ़ को अधिक महत्व दिया जाएगा।
- मध्य प्रदेश से सुमेर सोलंकी, राकेश सिंह और रीती पाठक रेस में सबसे आगे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं 2024 में लोकसभा का भी चुनाव होगा। बीजेपी के लिए दोनों ही चुनाव अहम है, ऐसे में भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने अपने कुनबे को संभालने की कवायद शुरू कर दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मानसून सत्र से पहले मोदी सरकार मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार कर सकती है। जिसमें अपने सहयोगी दलों के साथ ही पार्टी का फोकस उन राज्यों पर भी होगा जहां इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। जिन राज्यों में इस साल के अंत में चुनाव होना है उनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम शामिल हैं।
बीजेपी किसी भी चुनाव को कम नहीं आंकती है। पार्टी अब अपने सहयोगियों को साथ लेकर राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है। बीजेपी नेतृत्व यह मान कर चल रहा है कि पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर लोकसभा चुनाव में भी पड़ेगा। इसलिए मोदी सरकार एक तीर से दो निशाना साधने का काम कर रही है। आइए जानते हैं किसे मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह।
विधानसभा चुनाव पर नजर
मोदी सरकार मंत्रीमंडल का अगर विस्तार करती है तो उसकी नजर सबसे पहले उन पांचों राज्यों पर रहेगी जहां पर साल के अंत में चुनाव होने हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इन राज्यों के सांसदों को मंत्रीमंडल में जगह दी जा सकती है जिसकी खास वजह है राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव। बीजेपी इन राज्यों में होने वाले चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी क्योंकि इन चुनावों का सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
मोदी कैबिनेट में फेरबदल होती है तो राजस्थान,एमपी और छत्तीसगढ़ को अधिक महत्व दिया जाएगा। तीनों राज्यों से अभी 10 मंत्री कैबिनेट में शामिल हैं। ऐसे में संभावनाएं यह भी जताई जा रही है कि खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को हटाया जा सकता है या फिर उनके विभाग में परिवर्तन किया जा सकता है।
एमपी से किसे मिल सकती है जगह
मध्यप्रदेश में साल के अंत मे चुनाव होने है ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य से किसी सांसद को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। मध्य प्रदेश से सुमेर सोलंकी, राकेश सिंह और रीती पाठक रेस में सबसे आगे हैं। वैसे मध्यप्रदेश के कोटे से केंद्रीय केबिनेट में पहले से ही मंत्रियों की तादाद ज्यादा है। ऐसे में किसी मौजूदा मंत्री का कद घटने के भी आसार हैं।
राजस्थान में किसे मिलेगी जगह
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है और इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत दर्ज करना चाहती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान से मोदी कैबिनेट में रंजीता कोली, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा में से किसी को मंत्री बनाया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ से किसी मिलेगी जगह
छत्तीसगढ़ से विजय बघेल और सरोज पांडेय मंत्री की रेस में सबसे आगे हैं। वहीं मध्यप्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कई नेताओं को संगठन में भी शामिल किए जाने की चर्चा है।
सहयोगी दलों पर भी रहेगा फोकस
विपक्ष जहां एक तरफ महागबंधन बनाकर मोदी सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहा है वहीं बीजेपी अपने सहयोगियों की संख्या बढ़ाने और मौजूदा सहयोगियों को खुश रखने की रणनीति पर काम कर रही है।
शिवसेना (शिंदे गुट) को मिलेगी जगह
मोदी मंत्रीमंडल में विस्तार होता है तो यह तय माना जा रहा है कि केंद्र में शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिंदे गुट के सांसद को जगह मिलती है तो इससे महाराष्ट्र के सीएम को सबसे अधिक राहत मिलेगी। इसकी खास वजह यह है कि 2024 में लोकसभा के साथ ही महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। हाल ही में आए सर्वों में शिंदे की शिवसेना पर उद्धव गुट की शिवसेना (यूबीटी) भारी पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में शिंदे गुट की शिवसेना के पास दबाव होगा कि वह असली शिवसेना के तौर पर सफलता हासिल करे।
एनडीए के गठबंधन में जब पुरानी शिवसेना शामिल थी तो उसे मंत्रीमंडल में जगह दी जाती थी। लेकिन शिवसेना से अलग हुए शिंदे गुट के सांसदों में से एक भी सांसद को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है। ऐसे समय में केंद्र में मंत्री का पद शिंदे गुट को चुनाव में कद बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा चुनावी सीजन में नेताओं के पाला बदलने की संभावनाओं पर भी केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से विराम लगेगा। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो शिंदे गुट के सांसद को जगह मिलना लगभग तय माना जा रहा है। इस रेस में सांसद प्रताप राव जाधव और भावना गवली का नाम सबसे आगे है। लॉटरी किसकी निकलेगी,यह कहना मुश्किल है, अभी एकनाथ शिंदे ने पत्ते नहीं खोले हैं।
चिराग पासवान हो सकते हैं मंत्रिमंडल का हिस्सा
एनडीए गठबंधन से नीतीश कुमार के बाहर जाने से बिहार में बीजेपी का सत्ता में दखल खत्म हो गया है। वहीं विपक्षी पार्टियों को एक करने का काम भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही कर रहे हैं हाल ही में राजधानी पटना में विपक्षी गठबंधन की मीटिंग आयोजित हुई थी जिसमें 15 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में बीजेपी बिहार में अपने सहयोगियों के साथ ही अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास कर रही है वहीं सहयोगी दलों को किसी भी तरह से निराश न करने के उद्देश्य से आगे बढ़ रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी राज्य में सहयोगी चिराग पासवान को भी मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। बीजेपी बिहार में तेजस्वी और नीतीश का विकल्प खड़ा करना चाहती जिसमें युवा और अनुभव को बढ़ावा देने का काम करेगी। हालांकि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास पासवान) अभी एनडीए गठबंधन का हिस्सा नहीं है। लेकिन जिस तरह से कुछ दिनों से उनके बीजेपी और पीएम मोदी के पक्ष में बयान सामने आ रहे हैं उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार से पहले चिराग पासवान की पार्टी एनडीए में शामिल हो सकती है।
योगी के सांसद हो सकते हैं मोदी की टीम में शामिल
उत्तर प्रदेश वह राज्य है जहां बीजेपी अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें है इसी वजह से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार के साथ ही उत्तरप्रदेश के सांसद को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीधी टक्कर विपक्षी एकता महागबंधन से होगी। हालांकि इस गठबंधन में मायावती की पार्टी बसपा शामिल नहीं है।
Created On :   1 July 2023 7:42 PM IST