बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मुस्लिम वोटर्स बहुल बैसी विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम फिर दे सकती है चकमा

मुस्लिम वोटर्स बहुल बैसी विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम फिर दे सकती है चकमा
2020 में एआईएमआईएम को जीत मिली थी, बाद में उसने आरजेडी की शरण ले ली थी। एआईएमआईएम का संगठनात्मक ढांचा बैसी में मजबूत स्थिति में है। बैसी 64.30% मुस्लिम और 7.15% एससी ,जबकि करीब दो फीसदी एसटी मतदाता है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 सीट वाले बिहार में बैसी विधानसभा सीट पूर्णिया जिले में आती है जबकि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र लगता है। बैसी विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है, यहां कोई शहरी वोटर्स नहीं है। बैसी विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से विविधता भरी रही है, कांग्रेस और आरजेडी ने चार-चार बार जीत दर्ज की है। स्वतंत्र उम्मीदवारों ने दो बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, लोक दल, जनता दल, बीजेपी और एआईएमआईएम को एक-एक बार यहां से जीत मिली है। 2010 में बीजेपी के संतोष कुशवाहा जीते थे, अन्य सभी विधायक मुस्लिम समुदाय से निर्वाचित हुए हैं।

1951 में स्थापित बैसी विधानसभा सीट में अब तक 15 बार चुनाव हुए है, क्योंकि 1967 से 1977 तक ये सीट अस्तित्व में नहीं रही. इस अवधि में बिहार में तीन बार विधानसभा चुनाव हुए थे। 1952 से 1962 तक 3 बार और 1977 के बाद 10 बार इलेक्शन हुए है। 2020 में एआईएमआईएम को जीत मिली थी, बाद में उसने आरजेडी की शरण ले ली थी। एआईएमआईएम का संगठनात्मक ढांचा बैसी में मजबूत स्थिति में है। बैसी 64.30% मुस्लिम और 7.15% एससी ,जबकि करीब दो फीसदी एसटी मतदाता है।

बढ़ती बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, रोजगार की तलाश में हजारों युवाओं को पलायन करना पड़ता है। बैसी विधानसभा क्षेत्र कृषि आधारित है। जूट किसानों के लिए नगद आय का प्रमुख साधन है। चुनाव आयोग की एसआईर, मुस्लिम वोटों का एआईएमआईएम और आरजेडी में बंटवारा चुनावी नतीजे तय करने में ये अहम भूमिका निभाएंगा।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   23 Oct 2025 7:24 PM IST

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