बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बैकुंठपुर में कई बार देखने को मिले हैं राजनीतिक उलटफेर, ये सीट किसी एक दल के लिए सुनिश्चित नहीं है

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र गोपालगंज जिले में आती है। बैकुंठपुर विधानसभा सीट एक सामान्य सीट है। गोपालगंज संसदीय क्षेत्र एससी आरक्षित है। 1951 में स्थापित बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल 18 बार विधानसभा चुनाव हुए है। शुरुआती चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा, कांग्रेस ने पांच बार , आरजेडी ने 3 बार, जबकि संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल और जेडीयू ने दो-दो बार जीत दर्ज की है, बीजेपी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की।
1977 से 1990 तक ब्रज किशोर नारायण सिंह ने दो बार कांग्रेस और दो बार जनता पार्टी के टिकट पर लगातार चार बार जीत हासिल की, जनता दल के लाल प्रसाद यादव ने 1995 में ब्रज किशोर नारायण सिंह को मात दी। 2000 में समता पार्टी और 2010 में जेडीयू की जीत हुई। 2005 के दोनों चुनावों में जीत आरजेडी के खाते में आई। 2015 में बीजेपी वहीं 2020 में आरजेडी को जीत मिली। बैकुंठपुर में 9.72% अनुसूचित जाति , 17.94% मुस्लिम मतदाता है। कई मतदाता रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते है।
बैकुंठपुर की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। खेती ही आजीविका का मुख्य साधन है। बढ़ती बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, इसके चलते हजारों की संख्या में युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते है। बैकुंठपुर में विकास की रफ्तार धीमी है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत खराब है। खोखले विकास के चुनावी वादे नतीजों के बाद कई गायब हो जाते है।
बैकुंठपुर में कई बार राजनीतिक उलटफेर देखने को मिले हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में चुनावी मुकाबला कड़ा होने वाला है। हर बार के चुनाव में मतदाताओं की जागरूकता चुनावी नतीजे बदल देती हैस विभिन्न दलों की बार-बार जीत से ये कहा जा सकता है कि बैकुंठपुर सीट किसी एक दल के दबदबे वाली सुरक्षित नहीं है। बदलते राजनीतिक समीकरण और तीव्र प्रतिस्पर्धा ने बैकुंठपुर को हॉटस्पॉट बना दिया हैं।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।
Created On :   23 Oct 2025 6:57 PM IST