बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बाबूबरही के चुनावी सफर में समय के साथ होता है बदलाव,मगर निर्णायक भूमिका में होता है यादव मतदाता

बाबूबरही के चुनावी सफर में समय के साथ होता है बदलाव,मगर निर्णायक भूमिका में होता है यादव मतदाता
बाबूबरही का चुनावी सफर एक जैसा यानि स्थायी नहीं रहा है, यहां कभी भी किसी एक दल का परमानेंट दबदबा कायम नहीं रहा है। चुनावी जीत की बात की जाए तो अब तक आरजेडी ने चार बार ,जेडीयू ने तीन बार जीत हासिल की है, कांग्रेस और पूर्ववर्ती जनता दल को 2-2 बार जीत मिली जबकि 1977 में हुए पहले चुनाव में जनता पार्टी विजयी रही।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधासभा सीट वाले बिहार में बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र मधुबनी जिले में आता है। जबकि लोकसभा क्षेत्र झंझारपुर लगता है। 1977 में लदनियां विधानसभा क्षेत्र के विघटन के बाद बाबूबरही विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। तब से अब तक बाबूबरही विधानसभा सीट पर 12 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2003 का उपचुनाव भी शामिल है।

बाबूबरही का चुनावी सफर एक जैसा यानि स्थायी नहीं रहा है, यहां कभी भी किसी एक दल का परमानेंट दबदबा कायम नहीं रहा है। चुनावी जीत की बात की जाए तो अब तक आरजेडी ने चार बार ,जेडीयू ने तीन बार जीत हासिल की है, कांग्रेस और पूर्ववर्ती जनता दल को 2-2 बार जीत मिली जबकि 1977 में हुए पहले चुनाव में जनता पार्टी विजयी रही।

दिग्गज नेता देव नारायण यादव को इस सीट से अलग अलग दल से चार बार जीत मिली, 1977 में जनता पार्टी, 1990 और 1995 में जनता दल, तथा 2000 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीता। उनके निधन के बाद बाबूबरही सीट रिक्त हो गई, रिक्त के बाद 2003 में हुए उपचुनाव में आरजेडी के उमाकांत यादव ने जीती, उसके बाद 2005 और 2010 में उमाकांत यादव की आरजेडी उम्मीदवार के रूप में जीत हुई। जेडीयू ने 2015 और 2020 में चुनाव जीते।

विधानसभा चुनाव में 14.25% अनुसूचित जाति और 11.30% मुस्लिम मतदाता है। 14.50% यादव समुदाय के साथ सबसे बड़ा मतदाता समूह है। अब तक हुए 12 चुनावों में से 8 बार यादव प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की है। यादव समुदाय ही चुनाव में निर्णायक भूमिका में होता है। बाबूबरही पूरा क्षेत्र ग्रामीण है और यहां कोई शहरी वोटर्स नहीं है। बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवाओं का रोजगार की तलाश में बाहर जाना पड़ता है। पलायन यहां की सबसे बड़ी समस्या है। सड़क, सुरक्षा,शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बुरी है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   23 Oct 2025 10:24 AM IST

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